एक आग तो दूसरा था पानी, फिर भी कई मायनों में थे समान, हिंदी सिनेमा के 2 नायाब सितारो की अनूठी जिंदगी

Spread the love


नई दिल्ली: जब अभिनय जुनून बन जाए और कला इबादत, तब टॉम ऑल्टर और अमरीश पुरी जैसे कलाकार जन्म लेते हैं. इन दोनों ने अलग-अलग रास्तों से शुरुआत की, लेकिन दोनों की मंजिल एक ही थी और मकसद भी एक—’दर्शकों के दिलों में अमिट छाप छोड़ना.’ टॉम ऑल्टर का जन्म 22 जून 1950 को देहरादून के मसूरी में हुआ था, तो अमरीश पुरी का 22 जून 1932 को पंजाब के नवांशहर में हुआ था.

टॉम ऑल्टर और अमरीश पुरी, दोनों ही भारतीय सिनेमा के ऐसे कलाकार रहे हैं जिनका अभिनय हमेशा दर्शकों के दिलों में बस गया. एक तरफ जहां अमरीश पुरी को हम सभी ने ‘मिस्टर इंडिया’ के ‘मोगैम्बो’, ‘गदर’ के ‘मेजर अशरफ अली’, और नगीना फिल्म के ‘भैरोनाथ’ जैसे दमदार विलेन के रोल में देखा, वहीं टॉम ऑल्टर को अक्सर अंग्रेज अफसर, बुजुर्ग गाइड या उर्दू जानकार किरदारों में देखा गया. दोनों में कई बातें समान थीं, जैसे दोनों ने अपने करियर की शुरुआत थिएटर से की थी और मंच से सीखा हुआ अभिनय उन्होंने फिल्मों में भी बखूबी दिखाया था.

एक्टिंग को लेकर जुनूनी थे टॉम ऑल्टर-अमरीश पुरी
दोनों की दमदार आवाज और डायलॉग डिलीवरी का अलग अंदाज फैंस को काफी पसंद था. अमरीश पुरी की कड़क, गूंजती हुई भारी आवाज किसी भी सीन में रौब जमा देती थी, वहीं टॉम ऑल्टर की शांत और साफ बोलने की स्टाइल लोगों को गहराई से छू जाती थी. दोनों ही भारतीय संस्कृति से जुड़े हुए थे. टॉम ऑल्टर हिंदी और उर्दू के अच्छे जानकार थे, उन्होंने कई किताबें भी लिखी थीं. अमरीश पुरी भी फिल्मों के बाहर सामाजिक और सांस्कृतिक कामों में दिलचस्पी रखते थे. मेहनत, सादगी और अभिनय के प्रति लगन दोनों अभिनेताओं को एक जैसा बनाती है.

‘शतरंज के खिलाड़ी’ जैसी फिल्मों में किया काम
टॉम ऑल्टर ने बंगाली, आसामी, गुजराती, तेलुगू और तमिल भाषा समेत 300 से ज्यादा फिल्मों में काम किया था. उन्होंने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत साल 1976 में रामानंद सागर की फिल्म ‘चरस’ से की थी. इसके बाद उन्होंने ‘परवरिश’ और ‘हम किसी से कम नहीं’ जैसी फिल्मों में काम किया और ‘अमर अकबर एंथनी’ में अभिनेता जीवन के लिए डबिंग भी की. उन्होंने फिल्मकार सत्यजीत रे की ‘शतरंज के खिलाड़ी’ और ‘सरदार’ जैसी कई बड़ी फिल्मों में दमदार किरदार निभाया. वहीं टीवी पर ‘शक्तिमान’, ‘जबान संभाल के’, और ‘यहां के हम सिकंदर’ जैसे शो में नजर आए.

क्रिकेट के दीवाने थे टॉम ऑल्टर
टॉम ऑल्टर ने थिएटर में ‘गालिब इन दिल्’ली’ और ‘मौलाना’ जैसे यादगार नाटकों में जान फूंकी. वह लेखक और पत्रकार भी थे और क्रिकेट को काफी पसंद करते थे. उन्होंने सचिन तेंदुलकर का पहला वीडियो इंटरव्यू भी लिया था. टॉम ऑल्टर ने अपने अभिनय, बोलने के अंदाज और गहरी सोच से हमेशा लोगों का दिल जीता.

‘हम पांच’ से मिली अमरीश पुरी को पहचान
अमरीश पुरी ने 1967 से 2005 के बीच 450 से ज्यादा फिल्मों में काम किया. खास बात यह है कि उन्होंने ज्यादातर हिट फिल्में दीं, लेकिन उनकी सफलता आसान नहीं थी. फिल्मों में आने से पहले उन्होंने सरकारी नौकरी की और थिएटर से अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत की. अमरीश पुरी को असली पहचान 1980 में आई फिल्म ‘हम पांच’ से मिली, जिसमें उन्होंने पहली बार खलनायक का रोल निभाया था. इसके बाद वह ‘विधाता’, ‘हीरो’, ‘मिस्टर इंडिया’ जैसी सुपरहिट फिल्मों में खलनायक बने, जो आज भी लोगों को याद हैं. उन्होंने हॉलीवुड फिल्म ‘इंडियाना जोन्स’ में भी काम किया. 1990 के बाद उन्होंने कई पॉजिटिव किरदार भी किए, जैसे ‘दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे’, ‘विरासत’, और ‘चाइना गेट’ में. उनकी एक्टिंग इतनी दमदार थी कि वे चाहे पॉजिटिव किरदार निभाएं या नेगेटिव रोल, वे हर किरदार में जान डाल देते थे.



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *