कबीर बेदी और विनोद खन्ना की दोस्ती और ओशो के प्रति निष्ठा.

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नई दिल्ली. बॉलीवुड में कुछ रिश्ते पर्दे से निकलकर असल जिंदगी में उतर जाते हैं. कबीर बेदी और विनोद खन्ना का रिश्ता भी कुछ ऐसा ही था. प्रोफेशनल फ्रंट पर शुरू हुआ दोनों का रिश्ता जल्द ही रियल लाइफ दोस्ती में तब्दील हो गया. दोनों के बीच इतनी गहरी दोस्ती थी कि विनोद खन्ना अपना हर सुख-दुख कबीर बेदी के साथ साझा करते थे. हाल ही में 78 साल के एक्टर ने विनोद खन्ना के साथ अपने रिश्ते के बारे में बात करते हुए कहा उनके ओशो के आश्रम के दिनों और ओशो के साथ आध्यात्मिक रिश्ते के बारे में भी खुलकर बताया.

हाल ही में Filmfare को दिए एक इंटरव्यू में कबीर बेदी ने अपनी इस गहरी दोस्ती पर रोशनी डाली. कबीर ने बताया कि उनकी और विनोद की दोस्ती की शुरुआत उनके ओशो के प्रति झुकाव से हुई थी. विनोद खन्ना पर ओशो का कुछ ऐसा असर हुआ था कि एक्टर ने अपने करियर के पीक पर सबकुछ छोड़ दिया और वो ओशो की शरण में चले गए थे.कबीर बेदी कहते हैं कि वो ओशो से कभी व्यक्तिगत रूप से नहीं मिले, लेकिन उन्होंने ओशो की किताबें पढ़ीं और उनके टेप सुने, जिससे वे गहराई से प्रभावित हुए.

कबीर बेदी ने इस वजह से गंवाया था ओशो से मिलने का मौका

कबीर बताते हैं, ‘मुझे अफसोस है कि मैं ओशो से नहीं मिल पाया क्योंकि मुझे बताया गया था कि वहां जाने के लिए एक खास रंग के कपड़े पहनने होते हैं. मैंने उस समय इसे अपने अहम का विषय बना लिया. अब लगता है कि मैंने एक महान विचारक और लीडर से मिलने का मौका गंवा दिया’.

ओशो के आश्रम से उबकर कबीर बेदी के पास जाते विनोद खन्ना

विनोद खन्ना की ओशो के प्रति निष्ठा इतनी गहरी थी कि उन्होंने अपना करियर, घर-परिवार छोड़ दिया. हालांकि जब वे आश्रम में थक जाते, तो लॉस एंजेलिस में कबीर के पास आ जाते और दोनों साथ में अच्छा समय बिताते. कबीर ने नेटफ्लिक्स डॉक्यूमेंट्री ‘Wild Wild Country’ का जिक्र करते हुए कहा कि यह उस युग को दिखाती है, लेकिन ओशो की असली गहराई को नहीं दर्शाती.

कबीर ने विनोद को एक भावुक, सोचने वाले और दिल से जुड़ने वाले व्यक्ति के रूप में याद किया. अपने दोस्त को याद करते हुए कबीर बेदी कहते हैं, ‘वो बहुत ज्यादा बात नहीं करते थे, लेकिन बहुत महसूस करते थे. उन्होंने ध्यान के दौरान हुई अपनी आध्यात्मिक अनुभूतियों के बारे में बताया, लेकिन शब्दों में उन्हें बयां नहीं कर पाए. वो कहते थे – ‘कुछ होता है, जो मुझे एक अलग स्तर पर ले जाता है. उसे समझा नहीं सकता’.’

आश्रम से वापस लौट फिर की थी करियर की शुरुआत

जब विनोद खन्ना ओशो आश्रम से लौटे, तब उनके पास कुछ भी नहीं था. वो अपना बना-बनाया करियर सबकुछ गंवा चुके थे. लेकिन उन्होंने फिर से एक छोटे से फ्लैट से अपने करियर की शुरुआत की, और धीरे-धीरे बॉलीवुड में दोबारा मुकाम हासिल किया. उन्होंने मालाबार हिल पर एक बड़ा घर खरीदा और एक खूबसूरत जीवनसाथी से शादी की.

कबीर बेदी ने कहा, ‘मुझे विनोद पर बहुत गर्व है. उन्होंने सब कुछ छोड़ दिया, लेकिन फिर भी सब कुछ दोबारा पाया. उन्होंने कभी अपने आध्यात्मिक विश्वास से समझौता नहीं किया. मैं उन्हें आज भी उसी सम्मान से देखता हूं.’

बता दें, विनोद खन्ना और कबीर बेदी ने कई फिल्मों में साथ काम किया, जिनमें द बर्निंग ट्रेन, फर्ज और कानून, और क्षत्रिय शामिल हैं.



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