अभिनेत्री करिश्मा कपूर और उनके पूर्व पति और बिजेनेमैन दिवंगत संजय कपूर के बच्चों ने दिल्ली हाईकोर्ट में दावा किया है कि उनके पिता की वसीयत फर्जी है. बच्चों का कहना है कि वसीयत में बेटे का नाम गलत लिखा गया है और बेटी का पता भी गलत दिया गया है, जो साफ तौर पर संदेह पैदा करता है.
करिश्मा कपूर के वकील ने लगाया गम्भीर आरोप
वरिष्ठ वकील महेश जेठमलानी ने कोर्ट में दलील देते हुए कहा कि इतने पढ़े-लिखे और समझदार व्यक्ति द्वारा ऐसी लापरवाही नहीं की जा सकती. उन्होंने कहा वसीयत इतनी सामान्य और लापरवाह तरीके से लिखी गई है कि यह खुद संजय कपूर की छवि को कम करती है. समायरा कपूर और उनके भाई ने कोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि यह वसीयत असली नहीं है. इसमें उनके पिता की संपत्तियों, गहनों और डिजिटल एसेट्स क्रिप्टो आदि का कोई सही ब्योरा नहीं दिया गया है. वसीयत की कार्यपालक बताई जा रही श्रद्धा सूरी मारवाह को भी कभी इसकी जानकारी नहीं दी गई थी कि उन्हें यह जिम्मेदारी दी गई है.
करिश्मा कपूर के वकील ने कहा वसीयत में किया गया है बदलाव
दिल्ली हाई कोर्ट में अभिनेत्री करिश्मा कपूर के वकील महेश जेठमलानी ने कहा कि यह वसीयत कथित तौर पर 21 मार्च 2025 की है लेकिन इसके पहले और बाद में कई बार इसमें बदलाव किए गए. जांच में पता चला कि वसीयत की फाइल नितिन शर्मा नाम के व्यक्ति के कंप्यूटर से बनाई गई थी जबकि उस समय संजय कपूर अपने बेटे के साथ छुट्टी पर थे. उन्होंने सवाल उठाया कि कोई व्यक्ति अपनी वसीयत किसी दूसरे के कंप्यूटर से क्यों तैयार करेगा उन्होंने कहा कि WhatsApp चैट और दस्तावेजों में भी विरोधाभास हैं. वसीयत की फाइल कई बार बदली गई, प्रमाणपत्र अधूरा है और कोई वकील इसमें शामिल नहीं था.
दिल्ली हाई कोर्ट ने पूछे सवाल
दिल्ली हाई कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए पूछा कि क्या संजय कपूर ने पहले भी कोई वसीयत बनाई थी. इस पर बच्चों के वकील ने कहा कि उन्हें इस बारे में जानकारी नहीं है. अब इस मामले की अगली सुनवाई मंगलवार को होगी.
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