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MADHYAPRADESH NEWS: दमोह जिले के कुआखेड़ा गांव में रहने वाले मनोज पटेल ने मधुमक्खी पालन की शुरुआत की और कुछ ही सालों में लाखों का मुनाफा कमा रहे है. मनोज के साथ-साथ जिले के पांच किसान इस व्यवसाय को कर रहे है.

मधुमक्खी पालन
अर्पित बड़कुल/दमोह: मप्रदेश के बुंदेलखंड इलाके में मधुमक्खी पालन की शुरुआत हो चुकी है. पहली झलक दमोह जिले के कुआखेड़ा गांव में देखनों को मिली जहां किसान मनोज पटेल ने 2 से 3 लाख रुपए खर्च करके मधुमक्खी पालन की शुरुआत की है. मधुमक्खियों की संख्या हर साल बढ़ती जाती है. बता दें जितनी ज्यादा मधुमक्खियां बढ़ेंगी उतना ज्यादा शहद उत्पादन होगा और मुनाफा भी कई गुना बढ़कर लाखों का हो जाएगा.
ग्रामीण क्षेत्रों को मुनाफा देने वाले व्यवसाय को जिले के पांच किसान कर रहे है और अच्छा खासा मुनाफा कमा रहे है. सरकार भी किसानों को इस व्यवसाय को अपनाने के लिए लगातार प्रोत्साहित करती रहती है. केंद्र सरकार भी मधुमक्खी पालन पर 80 से 85% तक सब्सिडी देती है. इसके अलावा अन्य राज्य सरकारें भी किसानों को इस व्यवसाय को अपनाने के लिए प्रोत्साहन राशि देती है.
मध्य प्रदेश सरकार दे रही सब्सिडी
वहीं सरकार मधुमक्खी पालन के इच्छुक किसानों को 40 प्रतिशत तक की सब्सिडी दे रही है. शहद के लिए कॉलोनी सहित मधुमक्खी बॉक्स, मधु निष्कासन यंत्र और प्रसंस्करण के लिए सामान्य वर्ग के किसानों को 75% तक अनुदान और एससी-एसटी वर्ग के किसानों को 90% तक का अनुदान दिया जाता है.
ऑनलाइन खरीद सकते है शहद
मधुमक्खी पालन कर रहे कुआखेड़ा गांव के किसान मनोज पटेल ने बताया कि उन्होंने 2 लाख रुपए की लागत से 50 बॉक्स खरीदे थे. जैसे जैसे बॉक्स बढ़ते गए व्यवसाय भी बढ़ता गया और मुनाफा भी ज्यादा होने लगा. वर्तमान में 5 से 6 लाख तक का मुनाफा कमा लेता हूं. इसके अलावा बुंदेली ब्रांड के नाम से शहद तैयार कर बाजारों के अलावा Amazon की साइड पर भी बेच रहा हूं. अभी हमारे पास लीची, नीम, मल्टीफ्लोरा, तुलसी, अकेसिया, जामुन, सरसों और अजवाइन का शहद उपलब्ध है.
5 किसान कर रहें मधुमक्खी पालन
कृषि वैज्ञानिक मनोज अहिरवार ने जानकारी देते हुए बताया कि मधुमक्खी एक बहुत ही लाभदायक कीट है. जो कि पौधों में फूल बने से लेकर फल बनने तक की प्रक्रिया को बढ़ाता है और क्रॉस पॉलिएसन या परपरागण को बढ़ाता है. दमोह जिले में करीब 5 किसान ऐसे है जो वर्तमान समय में मधुमक्खी पालन कर रहे है.
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