TCS Layoffs: टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस), जो देश की सबसे बड़ी IT सर्विसेज प्रदाता कंपनी है, उसमें कर्मचारियों की संख्या में एक तिमाही के भीतर ही बड़ी गिरावट देखने को मिली है. कंपनी के ताज़ा आंकड़ों के अनुसार, फाइनेंशियल ईयर 2025-26 की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में टीसीएस के कर्मचारियों की संख्या घटकर 5,93,314 रह गई, जबकि जून तिमाही में यह 6,13,069 थी. यानी एक ही तिमाही में करीब 19,755 कर्मचारियों की कमी आई है.
क्या TCS ने छिपाए आंकड़े?
कंपनी ने इसे “वर्कफोर्स री-स्ट्रक्चरिंग” यानी कार्यबल पुनर्गठन का हिस्सा बताया है. TCS का कहना है कि बदलते व्यावसायिक माहौल के अनुरूप कर्मचारियों की संख्या और संरचना में बदलाव किया जा रहा है. हालांकि, आईटी कर्मचारियों का संगठन नैसेंट इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एम्प्लॉइज सीनेट (NITES) ने कंपनी पर कर्मचारियों की छंटनी के वास्तविक आंकड़ों को कम करके दिखाने का आरोप लगाया है.
TCS के HR ऑफिसर सुदीप कुन्नुमल ने हाल ही में कहा था कि कंपनी ने केवल 1% (करीब 6,000 कर्मचारियों) को निकाला है. लेकिन NITES ने इस दावे को गलत बताया और कहा कि करीब 20,000 कर्मचारियों की कमी हुई है, जो कंपनी के दावों से कहीं अधिक है.
टीसीएस की सफाई
कंपनी ने जब 10 अक्टूबर को अपने दूसरी तिमाही के वित्तीय परिणाम घोषित किए, तो उसने कर्मचारियों की संख्या या नौकरी छोड़ने के आंकड़े BSE को नहीं भेजे. बाद में कंपनी की वेबसाइट पर अपडेट किए गए आंकड़ों में कर्मचारियों की कुल संख्या 5,93,314 बताई गई.
TCS ने जुलाई 2025 में कहा था कि वह अपने वैश्विक कार्यबल का लगभग 2% (करीब 12,261 कर्मचारी) घटाने की योजना बना रही है, खासकर मिड-सीनियर लेवल पर. कंपनी ने इस कदम को “भविष्य के लिए तैयार इकाई” बनने की रणनीति का हिस्सा बताया था. हालांकि, NITES का आरोप है कि TCS स्टाफ पर “स्वैच्छिक इस्तीफा” देने का दबाव बना रही है, ताकि वास्तविक छंटनी को कम करके दिखाया जा सके.
NITES का बयान
NITES ने कहा, “ये कोई मामूली अंतर नहीं है. करीब 8 हजार कर्मचारियों का आंकड़ा गायब है. यह TCS की तरफ से स्वीकार किए गए आंकड़ों से भी अधिक है. इस तरह की भ्रामक जानकारी को गलती नहीं कहा जा सकता. ये छंटनी के पैमाने को कम दिखाने और नियामकों व जनता को गुमराह करने की कोशिश लगती है.”
संगठन ने यह भी कहा कि जब कंपनी में नौकरी छोड़ने की दर (Attrition Rate) कम हो रही है, तब कर्मचारियों की इतनी बड़ी कमी इस बात का संकेत है कि यह स्वैच्छिक नहीं, बल्कि प्रबंधन की कार्रवाई का नतीजा है. TCS की इस छंटनी को लेकर भ्रम और विरोध दोनों हैं. कंपनी इसे पुनर्गठन की प्रक्रिया बता रही है, जबकि कर्मचारी संगठन इसे “छिपी हुई छंटनी” कह रहे हैं. अब देखना होगा कि आने वाले महीनों में TCS इस विवाद पर क्या आधिकारिक स्पष्टीकरण देती है.
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