India Investment News: भारतीय शेयर बाजार के लिए सोमवार का दिन बेहद सकारात्मक (Positive) रहा. घरेलू बाजार में जोरदार तेजी देखने को मिली और सेंसेक्स व निफ्टी दोनों प्रमुख इंडेक्स हरे निशान पर बंद हुए. इसी बीच अमेरिका से भारत के लिए एक और अच्छी खबर आई है.
अमेरिकी फार्मा दिग्गज एली लिली एंड कंपनी (Eli Lilly and Co.) ने भारत में 1 अरब अमेरिकी डॉलर (करीब 8,879 करोड़ रुपये) निवेश करने की घोषणा की है. कंपनी ने कहा है कि इस निवेश का उद्देश्य भारत में अपनी मैन्युफैक्चरिंग और सप्लाई चेन क्षमताओं को मजबूत करना है.
हैदराबाद में बनेगा नया सेंटर
एली लिली कंपनी ने जानकारी दी है कि वह हैदराबाद में अपना नया सेंटर स्थापित करेगी. यह सेंटर पूरे देश में कंपनी के मैन्युफैक्चरिंग नेटवर्क के लिए मुख्य हब के रूप में काम करेगा और उच्च गुणवत्ता वाली टेक्नोलॉजी और इनोवेशन सेवाएँ प्रदान करेगा.
कंपनी ने इस साल की शुरुआत में भारत में वजन घटाने और डायबिटीज की दवा ‘मौन्जारो’ (Mounjaro) लॉन्च की थी, जिसकी ग्लोबल डिमांड लगातार बढ़ रही है. जानकारों का कहना है कि एली लिली का यह निवेश मोटापा और डायबिटीज दवाओं के बढ़ते बाजार में प्रतिस्पर्धा को ध्यान में रखते हुए किया जा रहा है, जिससे कंपनी को भविष्य में बड़ा लाभ मिल सकता है.
तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी ने एली लिली के निवेश पर खुशी जताते हुए कहा, “हैदराबाद में लिली कंपनी का निवेश इस बात का प्रमाण है कि शहर ग्लोबल हेल्थ सर्विस इनोवेशन का एक भरोसेमंद और उभरता हुआ केंद्र बन चुका है.” उन्होंने कहा कि यह निवेश न केवल राज्य में रोजगार के अवसर बढ़ाएगा, बल्कि भारत की बायोटेक और फार्मा इंडस्ट्री को भी नई दिशा देगा.
स्थानीय साझेदारी और उत्पादन बढ़ाने पर जोर
एली लिली ने बताया है कि वह तेलंगाना में स्थानीय दवा कंपनियों के साथ साझेदारी करेगी ताकि दवाओं के उत्पादन और वितरण क्षमता को बढ़ाया जा सके. कंपनी का कहना है कि इससे मोटापा और डायबिटीज से जुड़ी दवाएँ भारत में अधिक सुलभ और किफायती बन सकेंगी.
लिली इंटरनेशनल के कार्यकारी वाइस प्रेसिडेंट पैट्रिक जॉनसन ने कहा, “हम वैश्विक स्तर पर अपनी मैन्युफैक्चरिंग और मेडिसिन सप्लाई कैपेसिटी को बढ़ाने के लिए अहम कदम उठा रहे हैं. भारत में 1 अरब डॉलर का यह निवेश इसी रणनीति का हिस्सा है.”
यह निवेश भारत के हेल्थकेयर और फार्मा सेक्टर के लिए एक बड़ा अवसर साबित हो सकता है. विशेषज्ञों का मानना है कि एली लिली जैसी कंपनियों का भारत की ओर रुझान देश की दवा निर्माण क्षमता, टेक्नोलॉजी इंफ्रास्ट्रक्चर और वैश्विक निवेश आकर्षण की पुष्टि करता है.
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