India inflation rate 2025: त्योहारी सीजन चल रहा है और दिवाली जैसे बड़े पर्व आने वाले हैं. दीवाली में सभी को बोनस का इंतजार होता है, पर इस साल दिवाली से पहले ही लोगों को बोनस मिल गया है. राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) की ओर से जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार, देश में उपभोक्ता मूल्य पर आधारित मुद्रास्फीति सितंबर में घटकर 1.54 प्रतिशत पर पहुंच गई है. जो कि पिछले महीने की तुलना में 0.53 प्रतिशत कम है.
यानी कि हरी सब्जियों, दाल और खाने-पीने के सामानों की कीमतों में कमी आई है. अगर डेटा की बात करें तो, खुदरा महंगाई दर 8 सालों के बाद सबसे निचले स्तर पर पहुंची है. जून 2017 के बाद महंगाई का यह लेवल सबसे कम है. जिसका मतलब है कि, इस बार दिवाली और भी ज्यादा रौशनी से भरी होगी. चीजों की कीमतें कम होने से लोगों की जेब पर इसका असर होगा और वे पहले से ज्यादा बचत कर पाएंगे.
कम कीमतों का क्या होगा असर?
NSO के अनुसार, सितंबर महीने में सब्जियों, दालों , तेल, वसा, फल, अनाज, अंडा इत्यादि जरूरी चीजों की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई है. जिसका सीधा असर लोगों की जेब और किचन पर पड़ेगा. कम महंगाई होने से लोगों की बचत में इजाफा होगा. साथ ही हाउसवाइफ के लिए किचन चलाना आसाना बनेगा. सितंबर 2024 की तुलना करें तो, आज सब्जियों के दामों में 21.38 प्रतिशत और दाल एवं उनके उत्पादों के कीमतों में 15.32 प्रतिशत की कमी आई है.
खाद्य महंगाई दर कम हुई
एनएसओ की जानकारी के अनुसार, खाद्य महंगाई कम होने की मुख्य वजह अनुकूल आधार प्रभाव और खाद्य पदार्थों की कीमतों में आई गिरावट है. सितंबर महीने में खाद्य महंगाई शून्य से 2.28 प्रतिशत नीचे रही, जो दिसंबर 2018 के बाद सबसे कम है. साथ ही खाद्य तेल, वसा और फलों के दर भी पिछले वर्षों की तुलना में कंट्रोल में रहे है. जो इस बात को दर्शाता है कि, खाने पीने की चीजों की कीमतों में कमी आई है.
भारत सरकार ने हाल ही में जीएसटी रिफॉर्म लाकर एक बड़ा कदम उठाया हैं. जिसके कारण चीजों की कीमतों पर दबाव कम हुआ और कीमतों में गिरावट आई. विशेषज्ञों का मानना है कि, जीएसटी रिफॉर्म का व्यापक असर आने वाले दिनों में भी देखने को मिल सकता है. साथ ही महंगाई दर नियंत्रण में रह सकती है.
यह भी पढ़ें: शेयर मार्केट की फ्लैट टू पॉजिटीव शुरुआत, सेंसेक्स 200 अंक उछला तो वहीं निफ्टी 25,290 के पार
Leave a Reply