Reserve Bank of India: भारतीय रिजर्व बैंक एक सहकारी बैंक को लेकर बड़ा फैसला लिया है. रिजर्व बैंक ने मंगलवार को कहा कि सतारा, महाराष्ट्र के जीजामाता महिला सहकारी बैंक (Jijamata Mahila Sahakari Bank) के लाइसेंस को रद्द किया गया है. इसका कारण सहकारी बैंक के पास पर्याप्त पूंजी और संभावनाएं नहीं हैं.
फॉरेंसिक ऑडिट में आई दिक्कत
बता दें कि जीजामाता महिला सहकारी बैंक का बैंकिंग लाइसेंस पहले 30 जून, 2016 के एक आदेश के जरिए रद्द कर दिया गया था. फिर बैंक की अपील पर 23 अक्टूबर, 2019 को बहाल कर दिया गया था. एक बयान में RBI ने कहा कि अपीलीय प्राधिकरण ने निर्देश दिया कि बैंक की वित्तीय स्थिति का आकलन करने के लिए वित्त वर्ष 2013-14 के लिए बैंक का फॉरेंसिक ऑडिट किया जाए. इसके लिए रिजर्व बैंक ने एक ऑडिटर को चुना था, लेकिन बैंक से पर्याप्त सहयोग के अभाव में ऑडिट कराने का यह काम पूरा नहीं हो पाया.
किस दिन से बंद होगा बंद?
लाइसेंस कैंसिल करते हुए रिजर्व बैंक ने कहा कि इस बीच लगाए गए आकलन के मुताबिक बैंक की वित्तीय स्थिति बिगड़ती जा रही थी. अब RBI के इसी फैसले के साथ बैंक 7 अक्टूबर, 2025 से अपना बैंकिंग परिचालन बंद कर दिया है. महाराष्ट्र के सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार से बैंक को बंद करने का आदेश जारी करने और बैंक के लिए एक परिसमापक नियुक्त करने का भी अनुरोध किया गया है.
परिसमापक का मतलब उस व्यक्ति या संस्था ये है, जिसे किसी कंपनी को बंद कराने के प्रॉसेस के दौरान नियुक्त किया जाता है ताकि उसकी संपत्तियों को बेचकर लेनदारों का भुगतान किया जा सके और बची हुई रकम शेयरहोल्डर्स को दी जा सके. कुल मिलाकर परिसमापक कंपनी के एसेट्स को मैनेज करता है.
ग्राहकों को दी जाएगी यह सुविधा
रिजर्व बैंक ने बताया है कि बैंकिंग ऑपरेशन बंद होने के बाद कईअन्य बातों के साथ जमा स्वीकार करने और जमा राशि के पुर्नभु्गतान जैसे काम को भी प्रतिबंधित किया गया है. हालांकि, परिसमापन होने के बाद प्रत्येक जमाकर्ता जमा बीमा और ऋण गारंटी निगम (DICGC) से जमा राशि पर पांच लाख रुपये तक इंश्योरेंस क्लेम कर सकता है. आरबीआई ने कहा कि 30 सितंबर, 2024 तक कुल जमा राशि का 94.41 प्रतिशत DICGC बीमा के अंतर्गत कवर किया गया था.
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