बिहार की 83 सीटों पर NDA या महागठबंधन किसका खेल बिगाड़ेंगे प्रशांत किशोर? सामने आया चौंकाने वाला सर्वे 

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बिहार विधानसभा चुनाव के लिए एनडीए में सीट बंटवारे का फॉर्मूला तय हो चुका है. हालांकि अब तक महागठबंधन में इस पर पेच फंसा हुआ है. प्रशांत किशोर की पार्टी जनसुराज ने भी  51 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट भी जारी कर दी है. इस बीच वोट वाइव का चौंकाने वाला सर्वे सामने आया है, जिसके मुताबिक, पीके 243 में से करीब 83 सीटों पर महाठबंधन और एनडीए का खेल बिगाड़ेंगे. 
 
वोट वाइब के फाउंडर अमिताभ तिवारी ने बताया कि फरवरी महीने के सर्वे में प्रशांत किशोर का वोटशेयर बढ़ा था, लेकिन अब वो फिर गिरकर करीब 9 फीसदी के आसपास पहुंच गया है. हालांकि महागठबंधन और एनडीए का वोटशेयर बढ़ा है. चुनाव में एनडीए और महागठबंधन के बीच आमने-सामने की टक्कर है. ये नहीं कहा जा सकता है कि पीके के मैदान में उतरने के बाद चुनाव त्रिकोणीय हो गया है क्योंकि अगर वो 15-20 फीसदी वोट शेयर लाने में सफल होते हैं तो ही चुनाव त्रिकोणीय हो सकता है. कम से कम वोट शेयर के मामले में प्रशांत किशोर की पार्टी उस लेवल तक नहीं पहुंची है.

किसका वोट काटेंगे प्रशांत किशोर? 

एक्सपर्ट अमिताभ तिवारी ने बताया कि अभी तक जो सामने आया है, उसके मुताबिक, पीके निर्दलीय और छोटी पार्टियों का वोट ले रहे हैं क्योंकि वो एंटी-एनडीए और महागठबंधन वोट है और अब उसे एक चेहरा दिखाई दे रहा है. इसलिए उन्हें वो वोट मिल सकता है. बिहार में निर्दलीयों का वोट शेयर 8-10 प्रतिशत रहा है.

83 सीटों पर जीत का मार्जिन 5 फीसदी से कम 

चुनाव एक्सपर्ट ने बताया कि प्रशांत किशोर के चुनाव लड़ने से जिन 83 सीटों पर मार्जिन 5 फीसदी वोट से कम है. वहां अगर जनसुराज को 5 फीसदी वोट शेयर आ जाता है तो वो किसी न किसी दल का गेम बिगाड़ेगा. पीके ने किस पार्टी को डैमेज किया, अगर ये देखा जाए तो सबसे ज्यादा निर्दलीयों और छोटी-छोटी पार्टियों को मिलने वाला वोट काटेंगे. उसके बाद महागठबंधन को नुकसान पहुंचाएंगे क्योंकि उन्होंने पढ़ाई-लिखाई की बात करके तेजस्वी के ब्रांड स्टेटस को नुकसान पहुंचाया है. तीसरा करप्शन को उठाकर बीजेपी या एनडीए को नुकसान पहुंचा रहे हैं.

किन 83 सीटों पर नुकसान पहुंचाएंगे PK?

हालांकि पीके किन 83 सीटों पर नुकसान पहुंचाएंगे, इसको लेकर अभी कह पाना मुश्किल है और किस दल का नुकसान करेंगे, ये तभी कहा जा सकता है जब उम्मीदवारों के नाम सामने आ जाएंगे. फिर उम्मीदवारों की जाति, कितने पढ़े-लिखे और उन्होंने पहले कभी चुनाव लड़ा या नहीं, ये सब फैक्टर डिसाइड करेंगे. अमितभा तिवारी ने कहा, ‘एक चीज वो लगातार कह रहे हैं कि जेडीयू की 25 सीटें नहीं आएंगी और नीतीश कुमार सीएम नहीं बनेंगे. अब देखना होगा कि पीके अब सिर्फ नीतीश कुमार की पार्टी को ही नुकसान पहुंचाने पर जोर लगाते हैं क्या. जैसा चिराग पासवान ने पिछले बार किया था, उन्होंने सिर्फ जेडीयू के खिलाफ ही अपने उम्मीदवार उतारे थे. 



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