ED ने कोलकाता की एक बड़ी स्टील कंपनी Concast Steel and Power Limited और इसके प्रमोटर संजय सुरेका के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है. ED ने इस मामले में कुल 133.09 करोड़ रुपये की चल और अचल संपत्तियों को अस्थायी तौर पर जब्त किया है. ये कार्रवाई 10 अक्टूबर 2025 को मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत की गई. ED की जांच CBI की उस FIR पर आधारित है, जिसमें कंपनी पर बैंकों और वित्तीय संस्थानों से 6,210 करोड़ रुपये का धोखा करने का आरोप है.
ED की जांच में सामने आया है कि कंपनी के प्रमोटर संजय सुरेका ने बैंकों से लिए गए लोन को गलत तरीके से इस्तेमाल किया. उन्होंने इन पैसों को अपने ग्रुप कंपनियों के जरिए घुमाकर कुछ दूसरी कंपनियों में डिबेंचर के रूप में निवेश किया, जिन्हें बाद में शेयर में बदल दिया गया. इसके अलावा सुरेका ने अपनी फैमिली, कर्मचारियों और नजदीकी लोगों के नाम पर कई संपत्तियां खरीदी, ताकि असली मालिकाना हक छुपाया जा सके. इन संपत्तियों को अब ED ने अटैच किया है.
करोड़ों की संपत्तियां पहले से जब्त
ED ने इससे पहले भी इस केस में 612.71 करोड़ रुपये की संपत्तियां अटैच की थी. इन संपत्तियों का संबंध Concast Steel और इसके प्रमोटरों संजय सुरेका और उको बैंक के पूर्व सीएमडी सुबोध गोयल से बताया गया था.
ED ने इस केस में 15 फरवरी 2025 को पहली चार्जशीट और 11 जुलाई 2025 को एक सप्लीमेंट्री चार्जशीट फाइल की थी. इस केस में संजय सुरेका और अनंत कुमार अग्रवाल को ED ने गिरफ्तार भी किया है और दोनों न्यायिक हिरासत में हैं.
ब्लैक पैसे को व्हाइट करने के लिए कंपनियों का इस्तेमाल
जांच एजेंसी ने बताया कि जांच के दौरान कई कंपनियों के साथ वित्तीय लेन-देन का पता चला है. इन कंपनियों का इस्तेमाल काले धन को सफेद करने के लिए किया गया था. ED अब इन कंपनियों, उनके डायरेक्टरों और इससे जुड़े लोगों की भूमिका की गहराई से जांच कर रही है, ताकि ये पता चल सके कि अवैध पैसों का आखिरकार फायदा किसे मिला.
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