भारत-अमेरिका रिश्तों में तेल और Gas की deal से नया संतुलन, रूस से तेल की खरीद कम| Paisa Live | Oil and gas deal creates new balance in India-US relations, reduces oil purchases from Russia

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भारत और अमेरिका के बीच आर्थिक रिश्तों को मजबूत करने के लिए अब भारतीय सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियां रूस से तेल की खरीद घटाकर अमेरिका से गैस की आपूर्ति बढ़ाने की तैयारी कर रही हैं। इसका मकसद सिर्फ ऊर्जा सुरक्षा नहीं, बल्कि अमेरिका के साथ बेहतर संबंध बनाना और टैरिफ में कमी के लिए दबाव बनाना भी है। ट्रेड वॉर के चलते अमेरिका से खाना पकाने के ईंधन और प्लास्टिक की सप्लाई बाधित हुई है, जिससे एलपीजी की लॉन्ग टर्म सप्लाई पक्की करने की योजना बनाई जा रही है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, 2026 तक तीन बड़े गैस कैरियर्स हर महीने अमेरिका से फ्यूल इम्पोर्ट करेंगे, जो 33 करोड़ से ज्यादा घरेलू एलपीजी उपभोक्ताओं की जरूरतों को पूरा करेंगे। चीन अब पश्चिम एशिया से ज्यादा एलपीजी खरीद रहा है, जिससे अमेरिका के उत्पाद सस्ते और प्रतिस्पर्धी हो रहे हैं। सऊदी अरब और अन्य तेल निर्यातक देश भी भारत जैसे बड़े बाजार में अपनी हिस्सेदारी बचाने के लिए कीमतें कम कर रहे हैं। इस बदलाव से भारत की ऊर्जा रणनीति और विदेश नीति दोनों में संतुलन बना रहेगा।



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