मां-दादी और नानी के रोल निभाकर बनाई पहचान, 200 से ज्यादा फिल्मों में किया काम, पति सिलते थे राजेश खन्ना के कपड़े

Spread the love


नई दिल्ली. आज हम आपको बॉलीवुड की एक ऐसी एक्ट्रेस के बारे में बताते हैं, जिन्होंने हीरोइन नहीं, बल्कि मां और नानी-दादी के किरदारों में खास पहचान बनाई. अपने हुनर के दम पर दर्शकों के दिलों पर 6 दशक तक राज किया. हम बात कर रहे हैं दीना पाठक की. उनका निधन 11 अक्टूबर 2002 को दिल का दौरा पड़ने से मुंबई में निधन हो गया था.

एक ओर जब बॉलीवुड एक्ट्रेसेस मां, दादी और नानी के किरदार निभाने से बचती थीं, उस समय दीना पाठक ने इन्हीं किरदारों से दर्शकों के बीच अपनी अमिट छाप छोड़ी. दो बेटियों की परवरिश के साथ-साथ भारतीय रंगमंच, टेलिविजन और सिनेमा में दखल उनके जुनून, मेहनत और प्रतिभा की जीवंत मिसाल है.

रंगमंच से सीखी एक्टिंग की बारीकियां

दीना पाठक का जन्म 4 मार्च 1922 को गुजरात में हुआ. गुजराती परिवार से ताल्लुक रखने वाली दीना ने अपने करियर की शुरुआत 1942 में थिएटर से की. उनका एक मशहूर नाटक ‘मेना गुर्जरी’ इतना लोकप्रिय हुआ था कि प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद के लिए राष्ट्रपति भवन में इसका एक स्पेशल शो किया गया था. गुजराती रंगमंच से सीखे अभिनय ने हिंदी सिनेमा में उनकी एंट्री कराई. रंगमंच से लेकर हिंदी सिनेमा तक, दीना पाठक ने 200 से ज्यादा फिल्मों और अनगिनत नाटकों में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया.

dina pathak, dina pathak career, dina pathak films, dina pathak daughter, rajesh khanna, dina pathak news, दीना पाठक, दीना पाठक करियर, दीना पाठक फिल्में, राजेश खन्ना, दीना पाठक न्यूज

आजादी से पहले से शुरू किया काम

दीना पाठक ने एक इंटरव्यू में कहा था कि उन्होंने आजादी से पहले थिएटर करना शुरू किया. गुजराती थिएटर में दर्शक उनके लिए दीवाने होते थे. हालांकि, उन्होंने कभी सोचा नहीं था कि वे हिंदी सिनेमा में आएंगी, लेकिन नसीब में था तो वे हिंदी फिल्मों में भी आ गईं. एक बार उन्होंने बताया था कि हिंदी फिल्मों में आने का फैसला इसीलिए भी किया क्योंकि तब थिएटर से गुजारा नहीं होता था. अभिनय के प्रति उनका प्यार कभी कम नहीं हुआ.

नानी-दादी के किरदारों से बनाई पहचान

एक्ट्रेस ने अपने करियर में एक से बढ़कर एक थिएटर नाटकों में अपने किरदारों को अमर किया, तो वहीं हिंदी फिल्मों में मां, दादी और नानी के किरदारों ने उन्हें घर-घर में मशहूर किया. वह जब स्क्रीन पर आतीं तो दर्शकों को लगता कि पड़ोसी की कोई दादी मां आई हैं. उनके चेहरे की हंसी और संवाद ने दर्शकों को वर्षों तक जोड़े रखा. दीना पाठक का मानना था कि प्रतिभा की पहचान होनी चाहिए.

6 दशक दर्शकों के दिलों पर किया राज

वह जिस फिल्म में मां या दादी का किरदार निभाती थीं, उस फिल्म को दर्शक भूल नहीं पाते थे. उन्होंने फिल्म ‘गोलमाल’, ‘खूबसूरत’ और ‘मिर्च मसाला’ जैसी फिल्मों में काम किया. 6 दशक तक अपने विभिन्न किरदारों से दर्शकों का मनोरंजन करने वाली इस अभिनेत्री ने उस दौर के बड़े से बड़े कलाकारों के साथ काम किया.

पति राजेश खन्ना के लिए सिलते थे कपड़े

दीना पाठक ने बलदेव पाठक से शादी की, जो गेटवे ऑफ इंडिया के पास दर्जी का काम करते थे. बलदेव ने राजेश खन्ना से लेकर दिलीप कुमार तक के कपड़ों को डिजाइन किया. हालांकि, जब राजेश खन्ना की फिल्में बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप हुईं, तो उनका व्यापार भी चौपट हो गया. बाद में पति की मौत से दीना पाठक पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा, लेकिन उन्होंने अभिनय से दूरी नहीं बनाई. सिंगल मदर होते हुए उन्होंने दो बेटियां, रत्ना पाठक शाह और सुप्रिया पाठक की परवरिश की.

दोनों बेटियों ने सिनेमा में कमाया नाम

यह दोनों ने भी मां के नक्शे कदम पर चलते हुए बॉलीवुड में बड़ा नाम बनाया. रत्ना की शादी मशहूर अभिनेता नसीरुद्दीन शाह से हुई, जबकि सुप्रिया अभिनेता पंकज कपूर की पत्नी हैं. दोनों बेटियों ने अपनी मां की तरह सिनेमा में खूब नाम कमाया और दीना की विरासत को आगे बढ़ाया. दीना पाठक से जब एक बार एक इंटरव्यू में पूछा गया कि भगवान की आप पर बहुत कृपा है कि आपके घर में प्रतिभाओं का खजाना है. इस सवाल के जवाब में उन्होंने हंसते हुए कहा था कि प्रतिभा कहीं भी हो, उसकी कदर होनी चाहिए. फिल्मों में दीना पाठक के द्वारा निभाए गए किरदार हमें सिखाते हैं कि उम्र सिर्फ संख्या है, जुनून ही असली उम्र है.



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *