राष्ट्रीय जनता दल के मुखिया और पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव, तेजस्वी यादव और अन्य के खिलाफ लैंड फॉर जॉब मामले में दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने सोमवार (13 अक्टूबर) को फैसला टाल दिया. इस मामले पर अब 10 नवंबर को फैसला आ सकता है. CBI ने कहा था कि इसमें बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है, कुछ सेलडीड को छोड़कर, जमीन की खरीद के लिए ज्यादातर पैसों का लेनदेन कैश में हुआ था.
अदालत ने आईआरसीटीसी घोटाले में लालू, तेजस्वी और राबड़ी के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया. वहीं दूसरी ओर लैंड फॉर जॉब मामले का फैसला टाल दिया. CBI ने मामले में IPC की धारा 120, 420, 468, 467, 471 और प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट 1988 की धारा 11,12,13,,8,9 के तहत चार्जशीट दाखिल की थी.
चुनाव से ठीक पहले लालू परिवार को झटका
लालू परिवार को बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले करारा झटका लगा है. तेजस्वी और उनकी पार्टी पूरे दम के साथ चुनाव की तैयारी में जुटी थी, लेकिन अब आईआरसीटीसी स्कैम और लैंड फॉर जॉब की वजह से पार्टी घिर सकती है.
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— ABP News (@ABPNews) October 13, 2025
क्या है जॉब फॉर लैंड केस?
लालू यादव जब साल 2004 से 2009 के बीच केंद्र की यूपीए सरकार में रेल मंत्री थे, सीबीआई का आरोप है कि उस समय रेलवे की ग्रुप डी नौकरियों के बदले कैंडिडेट्स से उनकी जमीन या संपत्ति को कम कीमतों पर लालू फैमिली के नाम पर करवा दिया गया था. इस मामले में सीबीआई ने मई 2022 में आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव, पूर्व सीएम राबड़ी देवी, बिहार में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, लालू की बेटी मीसा भारती समेत 16 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी. जांच एजेंसी ने दावा किया कि पटना में कई जमीनें लालू फैमिली के सदस्यों और उनके करीबियों के नाम पर ट्रांसफर की गई थी.
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