राजधानी दिल्ली में संयुक्त राष्ट्र शांति सेना में हिस्सा लेने वाले देशों के चीफ कॉन्क्लेव में 15 देशों के सेना प्रमुख हिस्सा लेने जा रहे हैं. इसके अलावा 17 अन्य देशों के वाइस चीफ और 07 देशों के टॉप कमांडर भी शिरकत करेंगे. संयुक्त राष्ट्र में बड़ी भूमिका के लिए तैयार भारत, यूएन शांति सेना में हिस्सा लेने वाले देशों का तीन दिवसीय सम्मेलन (14-16 अक्टूबर) राजधानी दिल्ली में करने जा रहा है.
इस तीन दिवसीय सम्मेलन में भारतीय सेना की अगुवाई में करीब 40 देशों की सेनाओं के प्रमुख और टॉप मिलिट्री कमांडर्स हिस्सा लेने जा रहे हैं. सम्मेलन का उद्देश्य, वैश्विक शांति और नैतिक कूटनीति के जरिए संयुक्त राष्ट्र शांति सेना मूलभूत सिद्धांतों को मजबूत करना है.
दिल्ली पहुंच रहे इन देशों के सेना प्रमुख
भारतीय सेना के मुताबिक, जिन देशों के सेना प्रमुख मंगलवार (14 अक्टूबर, 2025) को राजधानी दिल्ली पहुंच रहे हैं, उनमें भूटान, बुरूंडी, इथोपिया, फिजी, फ्रांस, घाना, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, मंगोलिया, पौलेंड, श्रीलंका, तंजानिया, उगांडा, उरूग्वे और वियतनाम शामिल हैं.
जिन देशों की सेनाओं के वाइस चीफ और टॉप कमांडर हिस्सा ले रहे हैं, उनमें अल्जीरिया, आर्मेनिया, बांग्लादेश, ब्राजील, कम्बोडिया, इटली, नेपाल, कीनिया, रवांडा, सेनेगल, ऑस्ट्रेलिया, इजिप्ट (मिस्र), मलेशिया, मोरक्को, नाइजीरिया, थाईलैंड और मेडागास्कर शामिल है.
वैश्विक शांति और स्थिरता को बढ़ावा देना ही उद्देश्य
भारतीय सेना के मुताबिक, कॉन्क्लेव के जरिए समान-विचार वाले देशों की सेनाओं के साथ आपसी सहयोग और समन्वय के साथ वैश्विक शांति और स्थिरता को बढ़ावा देना है. सम्मेलन को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस जयशंकर के अलावा थलसेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी संबोधित करेंगे. सम्मेलन के दौरान संयुक्त राष्ट्र शांति सेना की क्षमताओं का विकास और यूएन पीसकीपिंग ऑपरेशन में प्रौद्योगिकी के बेहतर इस्तेमाल पर भी खास चर्चा की जाएगी.
50 के दशक में जब से शांति सेना की शुरुआत हुई है, भारतीय सेना सभी सैन्य मिशन में हिस्सा लेती आई है. पिछले 70 वर्षों में भारतीय सेना ने UN पीसकीपिंग फोर्स के 72 में से करीब 50 मिशन में हिस्सा लिया है. UN पीसकीपिंग फोर्स में सबसे ज्यादा सैनिकों के योगदान देने वाले देशों की श्रेणी में भारतीय सेना भी शामिल है.
दुनियाभर में मिशन के दौरान भारत के 182 सैनिक शहीद
अभी तक भारत के करीब तीन लाख सैनिक, UN पीसकीपिंग के अलग-अलग मिशन में अपनी सेवाएं दे चुके हैं. यहां तक कि भारतीय सैनिकों ने दुनियाभर में शांति स्थापित करने के लिए बलिदान भी दिया है. संयुक्त राष्ट्र के अलग-अलग मिशन में भारत के 182 सैनिक वीरगति को प्राप्त हो चुके हैं.
भारतीय सेना के कैप्टन गुरबचन सिंह सलारिया को साल 1961 में अफ्रीकी देश कांगो में विद्रोहियों से लोहा लेने के लिए मरणोपरांत परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया था. इसके अलावा पांच अलग-अलग सैनिकों को देश के दूसरे सबसे बड़े वीरता पुरस्कार महावीर चक्र से सम्मानित किया जा चुका है.
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