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सबर समुदाय के लोग घास और पत्ते से घर में रखी जाने वाली सजावटी चीजें और रोजमर्रा के काम में आने वाले उत्पाद बनाते हैं. शत-प्रतिशत ऑर्गेनिक और हाथों से की गई यह शिल्पकारी आपका मन मोह लेगी.

झारखंड की लौहनगरी जमशेदपुर से मात्र 60 किलोमीटर दूर स्थित पुरुलिया गांव इन दिनों हैंडमेड प्रोडक्ट की वजह से मशहूर हो रहा है. इन प्रोडक्ट्स को बनाने वाले हैं सबर समुदाय के लोग, जिनके हाथों की कारीगरी देखते ही बनती है. सबर हस्तशिल्प, अब झारखंड से निकलकर पूरे भारत में पहचाना जा रहा है.

सबर हस्तशिल्प के जरिये पुरुलिया गांव को इस मुकाम तक लाने का श्रेय जाता है प्रभाकर नाम के शख्स को. वे लोगों को कोसी घास और खजूर के पत्ते से शिल्पकारी सिखाते हैं. फिर इससे घर की सजावट और काम की चीजें बनाई जाती हैं. इन चीजों की खूबसूरती आपका मन मोह लेगी.

प्रभाकर के मुताबिक सबर हस्तशिल्प में हाथ से बनाए गए इन प्रोडक्ट्स में राउंड बॉक्स, फ्लावर पॉट, पेंसिल बॉक्स, वॉल मैट, हैंडबैग, लैंप कवर, टेबल ट्रे, टेबल मैट जैसी चीजें शामिल हैं. इसके अलावा फाइल कवर और अन्य काम की चीजें भी खजूर के पत्तों और कोसी घास बनाई जाती हैं.

इन प्रोडक्ट्स की कीमत मात्र 90 रुपए से 350 रुपए तक होती है. जो प्रॉफिट होता है, वह समुदाय के विकास में लगाया जाता है. प्रभाकर ने बताया कि इस उद्यम का मकसद सबर समुदाय को न केवल आर्थिक रूप से मजबूत करना है, बल्कि उनके जीवन में सुधार लाना भी है.

उन्होंने लोकल18 को बताया कि अगर कोई व्यक्ति सबर हस्तशिल्प के इन प्रोडक्ट्स को खरीदना चाहता है, तो इस फोन नंबर 8116059371 पर संपर्क कर सकता है. इन प्रोडक्ट्स की अवधि 8 से 10 साल होती है. बस पानी से बचाकर रखना होता है.
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