Tata Capital IPO: टाटा ग्रुप की NBFC कंपनी टाटा कैपिटल का आईपीओ कल लॉन्च हो रहा है. इसके लिए निवेशक 8 अक्टूबर तक दांव लगा सकेंगे. इस आईपीओ के जरिए कंपनी का प्लान 15512 करोड़ रुपये जुटाने का है.
आईपीओ में 6,846 करोड़ रुपये के नए शेयर जारी किए जाएंगे और 8,666 करोड़ रुपये ऑफर-फॉर-सेल के जरए जुटाए जाएंगे, जिसमें मौजूदा शेयरहोल्डर्स टाटा संस और इंटरनेशनल फाइनेंस कॉरपोरेशन 26.58 करोड़ शेयर बेचेंगे. कल से खुल रहे इस आईपीओ के लिए दांव लगाने से पहले यह जानना बहुत जरूरी है कि कंपनी की वित्तीय स्थिति कैसी है, इसके क्या फायदे हैं, कितना जोखिम है वगैरह.
ग्रीन फाइनेंसिंग में लिया बढ़-चढ़कर हिस्सा
भारत की तीसरी सबसे बड़ी नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी ने ग्रीन फाइनेंसिंग और डिजिटल इनोवेशन को अपना आधार बनाया. साल 2011 में वर्ल्ड बैंक ग्रुप की प्राइवेट सेक्टर की यूनिट IFC ने टाटा कैपिटल के साथ मिलकर टाटा क्लीनटेक कैपिटल लिमिटेड (TCCL) की स्थापना की थी, जिसका मकसद रिन्यूएबल और सस्टेनेबल इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट़्स को फाइनेंस करना था. 2024 में टाटा कैपिटल के TCCL के साथ मर्जर से कंपनी को अपने बेस को और मजबूत बनाने का मौका मिला.
कंपनी के एमडी और सीईओ राजीव सभरवाल ने कहा, “बीते दस सालों में कंपनी ने क्लीनटेक पोर्टफोलियो में 500 से अधिक रिन्यूऐबल प्रोजेक्ट्स की फाइनेंसिंग की है. साथ ही सोलर, विंड, बायोमास, स्मॉल हाइड्रो जैसे सेगमेंट में 22,400 मेगावाट से अधिक कैपेसिटी को मंजूरी दी है.”बीते शुक्रवार को टाटा कैपिटल ने कहा कि वित्त वर्ष 2025 तक क्लीनटेक और इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस बुक 18,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गई, जो पिछले दो सालों में 31.8 परसेंट के CAGR से बढ़ रहा है. कंपनी डिजिटल नेटवर्क और पार्टनर नेटवर्क के जरिए काम करती है.
कितना है कंपनी का लोन बुक?
जून 2025 तक इसका टोटल लोन बुक 2.33 लाख करोड़ रुपये का था. कंपनी ज्यादातर रिटेलर्स और छोटे व मध्यम कारोबार (SME) को लोन देती है, जो इसके कुल लोन का 87 परसें से ज्यादा हिस्सा है. भारत में इसके 1,516 ब्रांच हैं. इसके अलावा, यह 30,000 DSAs (डायरेक्ट सेलिंग एजेंट), 400 OEM (ओरिजिनल इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरर) के साथ पार्टनरशिप और 60 डिजिटल पार्टनर्स के जरिए भी काम करती है.
निवेश से इस बात का रखें ध्यान
टाटा कैपिटल की टाटा ग्रुप की कई बड़ी कंपनियों में हिस्सेदारी है, जो इसके मजबूत बिजनेस मॉडल और फाइनेंशियल स्टेबिलिटी को दर्शाता है. आईपीओ से जुटाई गई रकम का इस्तेमाल कारोबार का दायरा बढ़ाने और सर्विस नेटवर्क को मजबूत बनाने में किया जाएगा. एक्सपर्ट्स का सुझाव है कि यह आईपीओ एक सुरक्षित और निवेश का एक बेहतर मौका है, जिसमें लॉन्गटर्म रिटर्न की संभावना है. हालांकि, दांव लगाने से पहले निवेशकों को कंपनी के बिजनेस मॉडल, मार्केट ट्रेंड्स और ग्रोथ की संभावनाओं का ध्यान से विश्लेषण करना चाहिए.
डिस्क्लेमर: (यहां मुहैया जानकारी सिर्फ़ सूचना हेतु दी जा रही है. यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है. निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें. ABPLive.com की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है.)
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