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Interesting facts about lizards: छिपकली एक आम लेकिन रहस्यमयी जीव है जो कीड़ों को खाकर पर्यावरण संतुलन बनाए रखती है. ये अपनी पुरानी त्वचा खा जाती है जिससे पोषण भी मिलता है और शिकारी को सुराग भी नहीं मिलता.

छिपकली एक ऐसा जीव है जो लगभग हर घर में आसानी से दिख जाती है. लेकिन जैसे ही लोग इसे देखते हैं, डर या घिन का एहसास होता है. इसके अजीब हाव-भाव और अचानक भागने की आदत से कई लोग चौंक जाते हैं.

हालांकि यह जीव इंसानों को सीधा कोई बड़ा नुकसान नहीं पहुंचाता, लेकिन इसका मुख्य फायदा ये है कि यह कीड़ों को खाकर पर्यावरण में संतुलन बनाए रखती है. अगर कभी छिपकली खाना या पीने के पानी में गिर जाए, तो वह जहरीला हो सकता है और सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है. इसलिए छिपकली से दूरी बनाना हमेशा समझदारी है.

छिपकली से जुड़ी कई बातें हैं जो शायद आपको चौंका सकती हैं. इनकी एक खास बात ये है कि ये समय-समय पर अपनी त्वचा को बदलती हैं. जब इनकी पुरानी चमड़ी उतरती है, तो ये उसे फेंकती नहीं, बल्कि खुद ही खा जाती हैं. इससे उन्हें दो फायदे मिलते हैं.

पहला फायदा ये है कि उस त्वचा में कुछ पोषक तत्व होते हैं जो उनके शरीर के लिए जरूरी होते हैं. दूसरा फायदा ये है कि जब वे अपनी पुरानी त्वचा खा लेती हैं, तो कोई भी शिकारी उनके पास उनकी मौजूदगी का सबूत नहीं पा सकता. यह उनकी सुरक्षा का तरीका भी होता है. साथ ही, यह आदत उन्हें ऊर्जा की बचत में भी मदद करती है.

छिपकलियां अपने मल और मूत्र को एक ही छेद से बाहर निकालती हैं. यही छेद उनके प्रजनन में भी उपयोग होता है. यह उनके शरीर की एक अनोखी रचना है, जिससे वे साधारण जीवों से अलग दिखती हैं. यह शरीर संरचना उन्हें पर्यावरण के हिसाब से ढलने में मदद करती है.

कुछ प्रजातियां जैसे ‘उदुम्ब’ और ‘मॉनिटर लिजार्ड’ जरूरत पड़ने पर अपनी ही संतान को खा जाती हैं. जब इन्हें भूख लगती है, मानसिक तनाव होता है, या खतरे का एहसास होता है, तब वे ऐसा कठोर कदम उठा लेती हैं. यह उनके स्वाभाविक बचाव के तरीकों में से एक है. हालांकि यह व्यवहार हमें अजीब लग सकता है, लेकिन यह उनके जीवन का हिस्सा है.

आपने देखा होगा कि अगर छिपकली की पूंछ कट जाए तो वह कुछ समय तक हिलती रहती है. यह उसकी आत्मरक्षा प्रणाली का हिस्सा है. जब पूंछ हिलती रहती है, तो शिकारी का ध्यान वहीं केंद्रित हो जाता है और इस बीच छिपकली खुद को बचाकर वहां से भाग जाती है. यह उसका बच निकलने का चतुर तरीका है.

छिपकलियों की जीभ में सूंघने की विशेष क्षमता होती है. वे अपनी जीभ बाहर निकालकर वातावरण की गंध को समझती हैं. जीभ पर मौजूद विशेष ग्रंथियां गंध को पकड़कर उन्हें दिशा और शिकार का अंदाजा देती हैं. इसीलिए छिपकलियां अकसर जीभ बाहर निकालती नजर आती हैं.

इन सामान्य लेकिन खास जानकारियों से पता चलता है कि छिपकली एक छोटा लेकिन बेहद अनोखा जीव है, जो प्रकृति के संतुलन में अहम भूमिका निभाता है.
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