Causes Of Heart Attack: लाल मांस और बटर खाने से ही नहीं, इन 5 आदतों के कारण भी जल्दी आता है हार्ट अटैक

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Cardiovascular Disease: सालों तक रेड मीट और बटर को दिल की बीमारियों का बड़ा कारण माना जाता रहा है. लेकिन अब नई स्टडीज और हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि असली खतरा कहीं और छिपा है. दरअसल, हमारी रोजमर्रा की लाइफस्टाइल और खाने-पीने की कुछ आदतें शरीर में नाइट्रिक ऑक्साइड को कम कर देती हैं, और यही हार्ट अटैक का बड़ा कारण बन रही हैं. हेल्थ एक्सपर्ट और लेखक डॉ. एरिक बर्ग के मुताबिक, नाइट्रिक ऑक्साइड की कमी से ब्लड वेसल्स कमजोर हो जाती हैं, ब्लड सर्कुलेशन प्रभावित होता है और धीरे-धीरे हार्ट की बीमारियों का रिस्क कई गुना बढ़ जाता है.

नाइट्रिक ऑक्साइड क्यों जरूरी है?

डॉक्टर्स बताते हैं कि नाइट्रिक ऑक्साइड खून की नसों को रिलैक्स करता है और आर्टरीज में प्लाक जमने से रोकता है. जब इसका स्तर घटता है तो हाई ब्लड प्रेशर, स्ट्रोक और हार्ट अटैक का खतरा तेजी से बढ़ जाता है.

हार्ट को नुकसान पहुंचाने वाली 5 बड़ी आदतें

 रिफाइंड शुगर

हेल्थ रिपोर्ट्स में साफ कहा गया है कि सॉफ्ट ड्रिंक्स, पैकेज्ड फूड और डेजर्ट्स में पाई जाने वाली शुगर नाइट्रिक ऑक्साइड को तेजी से घटाती है. इसके साथ ही यह ब्लड शुगर को अचानक बढ़ाती है. अगर आप इसका यूज करत रहते हैं, तो यह नसों में इंफ्लेमेशन करती है. इसके साथ ही लंबे समय में इंसुलिन रेजिस्टेंस बढ़ाकर हार्ट पर सीधा असर डालती है.

रिफाइंड स्टार्च

आप जो चीजें डेली यूज करते हैं, उनका भी असर आपके ऊपर दिखता है. जैसे कि व्हाइट ब्रेड, क्रैकर्स और पेस्ट्री जैसी चीजें शरीर में शुगर जैसा असर करती हैं. ये तुरंत ग्लूकोज में बदल जाती हैं और ब्लड शुगर को बढ़ा देती हैं. इससे नसों की परत को नुकसान होता है. इसके साथ ही नाइट्रिक ऑक्साइड का उत्पादन कम हो जाता है.

इंडस्ट्रियल सीड ऑयल्स

फास्ट फूड और पैकेज्ड स्नैक्स में इस्तेमाल होने वाले सोयाबीन, कॉर्न और सनफ्लॉवर ऑयल भी दिल के लिए नुकसानदेह हैं. इनमें मौजूद ओमेगा-6 फैटी एसिड क्रॉनिक इंफ्लेमेशन को बढ़ाते हैं. आपको बता दें कि बार-बार गर्म करने पर ये तेल ऑक्सीडाइज होकर जहरीले कंपाउंड बनाते हैं. रिसर्च में पाया गया है कि लगातार सेवन से हार्ट डिजीज का खतरा कई गुना बढ़ जाता है.

 स्मोकिंग और वेपिंग

धूम्रपान पहले से ही दिल की बीमारियों का कारण माना गया है. एक्सपर्ट्स बताते हैं कि स्मोकिंग और वेपिंग नाइट्रिक ऑक्साइड को तेजी से खत्म कर देते हैं. तंबाकू का धुआं नसों की भीतरी परत को खराब करता है. धुएं में मौजूद फ्री रैडिकल नाइट्रिक ऑक्साइड को नष्ट कर देते हैं. इसके साथ ही स्मोकर्स में हार्ट डिज़ीज़ का रिस्क कई गुना ज्यादा पाया गया है.

 एंटीसेप्टिक माउथवॉश

डेंटल हाइजीन के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला माउथवॉश भी दिल की सेहत बिगाड़ सकता है. माउथवॉश मुंह में मौजूद उन अच्छे बैक्टीरिया को खत्म कर देता है जो नाइट्रेट को नाइट्रिक ऑक्साइड में बदलते हैं. इससे ब्लड प्रेशर बढ़ने लगता है और हार्ट रिस्क भी बढ़ जाता है.

कैसे बढ़ाएं नाइट्रिक ऑक्साइड का लेवल?

कार्डियोलॉजिस्ट्स मानते हैं कि डाइट और लाइफस्टाइल में थोड़े बदलाव से नाइट्रिक ऑक्साइड का लेवल सही रखा जा सकता है.

  • हरी पत्तेदार सब्जिया जैसे कि पालक, केल, अरुगुला
  • चुकंदर और उसका जूस
  • लहसुन, प्याज़ और साइट्रस फल
  • अनार, ड्राईफ्रूट्स और डार्क चॉकलेट

इसके अलावा रोजाना एक्सरसाइज, धूप में समय बिताना, पर्याप्त नींद और स्ट्रेस कंट्रोल भी हार्ट हेल्थ को मजबूत बनाते हैं.

हार्ट की बीमारियों का असली खतरा हमेशा रेड मीट या बटर जैसी चीजें नहीं हैं. बल्कि हमारी रोज़मर्रा की छोटी-छोटी आदतें जैसे रिफाइंड शुगर, प्रोसेस्ड स्टार्च, सीड ऑयल्स, स्मोकिंग और माउथवॉश  से जुड़ी होती हैं, जो धीरे-धीरे हार्ट को कमजोर कर रही हैं. समय रहते इन आदतों को बदलना ही दिल को सुरक्षित रखने का सबसे बड़ा उपाय है.

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Disclaimer: यह जानकारी रिसर्च स्टडीज और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है. इसे मेडिकल सलाह का विकल्प न मानें. किसी भी नई गतिविधि या व्यायाम को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर या संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

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