How to grow peas in a pot at home । मटर उगाने का तरीका गमले में घर पर सर्दियों में ताजी मटर कैसे पाएं

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How to grow peas in a pot at home: सर्दियों का मौसम आते ही बाजार में ताजी हरी मटर की भरमार दिखने लगती है. लेकिन अगर आपको यह ताजगी अपने घर की बालकनी या छत पर ही मिल जाए, तो कैसा रहेगा? घर पर गमले में मटर उगाना न सिर्फ आसान है बल्कि बेहद मजेदार भी है. इससे आपको केमिकल-फ्री, ऑर्गेनिक और ताजा स्वाद मिलता है जो मार्केट की मटर से कहीं बेहतर होती है. आजकल बहुत से लोग घर में सब्जियां उगाने का शौक रखते हैं ताकि उन्हें हेल्दी और सेफ फूड मिले. अगर आप भी किचन गार्डनिंग में नए हैं तो मटर से बेहतर शुरुआत कोई नहीं हो सकती क्योंकि इसे ज्यादा मेहनत, जगह या पानी की जरूरत नहीं होती. बस थोड़ी सी धूप, सही मिट्टी और थोड़ा धैर्य और कुछ ही हफ्तों में हरी फली से लटकती मटर की फसल आपको देखने को मिल जाएगी. चलिए जानते हैं घर पर गमले में मटर उगाने का आसान और असरदार तरीका जो इस सर्दी आपके किचन गार्डन को हरा-भरा बना देगा.

1. सही मौसम चुनना
मटर की बुवाई के लिए अक्टूबर से जनवरी तक का समय सबसे अच्छा माना जाता है. इस दौरान मौसम ठंडा और हल्का नम रहता है जो मटर के पौधों के लिए बिल्कुल सही होता है. बहुत गर्मी या बरसात के मौसम में मटर अच्छे से नहीं बढ़ पाती, इसलिए हमेशा सर्दियों में ही इसकी खेती करें.

2. गमले और मिट्टी की तैयारी
मटर को उगाने के लिए 10 से 12 इंच गहरा गमला चुनें. प्लास्टिक, मिट्टी या सीमेंट का कोई भी गमला चलेगा, बस नीचे छेद जरूर होना चाहिए ताकि पानी जमा न हो. मिट्टी तैयार करते समय गार्डन सॉइल में 1 हिस्सा गोबर की खाद और 1 हिस्सा बालू या रेत मिला लें. यह मिश्रण पौधों को पोषण देगा और मिट्टी को हल्का रखेगा ताकि जड़ें आसानी से सांस ले सकें.

3. बीज लगाने का तरीका
मटर के बीज आप किसी भी नजदीकी नर्सरी या ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से खरीद सकते हैं. बीज को बोने से पहले रातभर पानी में भिगो दें ताकि अंकुरण जल्दी हो. अब गमले में मिट्टी डालकर 1 से 1.5 इंच की गहराई पर बीज लगाएं और ऊपर से हल्की मिट्टी से ढक दें. हर बीज के बीच 2 से 3 इंच की दूरी रखें ताकि पौधों को फैलने की जगह मिले.

4. पानी और धूप की सही मात्रा
मटर को नमी पसंद होती है लेकिन ज्यादा पानी बिल्कुल नहीं. बीज लगाने के बाद रोज हल्का पानी दें जब तक अंकुर निकल न आएं. उसके बाद 2 दिन छोड़कर पानी देना शुरू करें. पौधे को रोज कम से कम 4 से 5 घंटे की धूप जरूर मिले, वरना फलियां कम आएंगी. अगर आपके घर में बालकनी या छत पर सीधी धूप आती है तो मटर के लिए यह सबसे बढ़िया जगह होगी.

5. सहारा और देखभाल
जैसे-जैसे मटर का पौधा बढ़ता है, उसे ऊपर चढ़ने के लिए सहारे की जरूरत होती है. आप लकड़ी की छड़ी, तार या कोई पुराना डंडा इस्तेमाल कर सकते हैं. पौधों को सहारा देने से वे गिरेंगे नहीं और अच्छी तरह फल देंगे. ध्यान रखें कि मिट्टी में पानी भरने न पाए और समय-समय पर पौधों की जड़ों के पास ढीली मिट्टी डालें ताकि ऑक्सीजन मिलती रहे.

6. खाद डालना और रोग नियंत्रण
हर 15 दिन में एक बार ऑर्गेनिक खाद जैसे गोबर की खाद या वर्मी कम्पोस्ट डालें. यह पौधों की ग्रोथ और फलने में मदद करेगा. अगर पत्तों पर कीड़े दिखें तो नीम का तेल पानी में मिलाकर छिड़क दें. यह एक प्राकृतिक और सुरक्षित उपाय है जिससे पौधे लंबे समय तक हरे-भरे रहेंगे.

7. फसल कब और कैसे लें
मटर के पौधे बीज लगाने के 60 से 70 दिन के अंदर फल देने लगते हैं. जब फलियां हरी और थोड़ी मोटी हो जाएं, तब उन्हें तोड़ लें. बहुत देर तक लगे रहने से मटर सख्त और कम स्वादिष्ट हो जाती है. रोज सुबह या शाम के समय फली तोड़ें ताकि पौधा और फल दे सके.

घर पर गमले में मटर उगाना एक आसान और सुकून देने वाला अनुभव है. इससे न सिर्फ आपको ताजी मटर मिलती है बल्कि पौधों की देखभाल करने की खुशी भी मिलती है. अगर आपने कभी गार्डनिंग नहीं की, तो मटर से शुरुआत करें. थोड़ी सी मेहनत और प्यार से आप भी घर की छत या बालकनी में हरी मटर की सुंदर बेलें उगा सकते हैं जो स्वाद और सेहत दोनों से भरपूर होंगी.

(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं. Hindi news18 इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें.)



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