एडीजीपी आत्महत्या मामले में नया खुलासा हुआ है। पुलिस को कॉल डिटेल से नए सुराग मिले हैं। सूत्रों के अनुसार, आत्महत्या से पहले एडीजीपी ने कई अधिकारियों, अपने वकील और कुछ परिचितों को कॉल की थी। एसआईटी ने इन कॉल डिटेल्स को जांच का हिस्सा बनाते हुए बातचीत के क्रम और समय की बारीकी से पड़ताल शुरू कर दी है।
सूत्रों का कहना है कि जिन लोगों से एडीजीपी ने आखिरी बार बातचीत की थी उनसे जल्द पूछताछ की जा सकती है। जांच टीम यह पता लगाने की कोशिश में है कि क्या इन वार्तालाप में कोई ऐसा दबाव या तनाव झलक रहा था जिसने उन्हें यह कदम उठाने पर मजबूर किया।
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पीजीआई पहुंचे हुए आईजीपी पुष्पेंदर कुमार और एसएसपी कंवरदीप कौर पीजीआई मुर्दा घर से बाहर आते हुए
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
जेल में बंद गनमैन से पूछताछ कर सकती है एसआईटी
एसआईटी चीफ पुष्पेंद्र कुमार ने हरियाणा पुलिस से जेल में बंद एडीजीपी के गनमैन के खिलाफ दर्ज एफआईआर का पूरा रिकॉर्ड मांगते हुए पत्र लिखा है। सूत्रों के अनुसार एसआईटी जल्द ही अदालत से अनुमति लेकर रोहतक जेल में बंद गनमैन सुशील से पूछताछ कर सकती है।
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पीजीआई पहुंचे हुए आईजीपी पुष्पेंदर कुमार और एसएसपी कंवरदीप कौर पीजीआई मुर्दा घर से बाहर आते हुए
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
इंस्पेक्शन में पता चला है कि शराब ठेकेदार की ओर से लगाए गए अवैध वसूली के आरोप के बाद गिरफ्तार गनमैन ही स्पष्ट कर सकता है कि उसने एडीजीपी का नाम खुद लिया था या किसी षड्यंत्र के तहत उससे ऐसा करवाया गया। गनमैन के बयान एसआईटी की जांच के लिए निर्णायक साबित हो सकते हैं।
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वाई पूरण कुमार का शव पीजीआई में ले जाते हुए
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
डीएसपी और एसआई के बीच गलतफहमी से शव पहुंचा पीजीआई
एडीजीपी आत्महत्या मामले में मृतक के परिजनों की गैर-मौजूदगी में शव को सेक्टर-16 अस्पताल की मोर्चरी से पीजीआई शिफ्ट कर दिया गया। इस पर परिवार ने आपत्ति जताई। सूत्रों के अनुसार शव को शिफ्ट किए जाने की जानकारी न तो एसएसपी को थी और न ही उनसे ऊपर के अधिकारियों को। जब एसएसपी ने सेक्टर-11 थाना प्रभारी जयवीर राणा से पूछा कि शव को बिना इजाजत क्यों शिफ्ट किया गया तो उन्होंने इस बात की जानकारी से इन्कार कर दिया।
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वाई पूरण कुमार का शव पीजीआई में ले जाते हुए
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
बिना अफसरों के अनुमति शव शिफ्ट करने पर डीएसपी को हटाया
सेक्टर-24 चौकी प्रभारी नीरज कुमार से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि शव डीएसपी उदयपाल के आदेश पर शिफ्ट किया गया था। एसएसपी ने जब डीएसपी उदयपाल से जवाब मांगा तो उन्होंने कहा कि उन्होंने सिर्फ शव को सेक्टर-16 अस्पताल से रिलीज करने के लिए कहा था ताकि परिजन पार्थिव शरीर के दर्शन कर सकें। इस संदेश को लेकर डीएसपी और एसआई के बीच गलतफहमी हो गई और शव सीधे पीजीआई पहुंचा दिया गया।
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