आईआरसीटीसी घोटाला मामले में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के अध्यक्ष लालू यादव, उनकी पत्नी और बिहार की पूर्व सीएम रबड़ी देवी और बेटे तेजस्वी यादव के खिलाफ मुकदमा चलेगा. सोमवार (13 अक्टूबर, 2025) को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने उन पर आरोप तय कर दिए हैं. कोर्ट ने आदेश सुनाते हुए तीनों नेताओं को लेकर कड़े शब्दों का उपयोग किया और कहा कि लालू यादव ने षडयंत्र रचा और लोक सेवक के रूप में अपने पद का गलत इस्तेमाल किया. लालू, राबड़ी और तेजस्वी यादव का कहना है कि वह मुकदमा लड़ेंगे.
सुनवाई के दौरान कोर्ट रूम में लालू यादव व्हील चेयर पर बैठे थे, उनके बगल में राबड़ी और उनके बगल में तेजस्वी यादव बैठे थे. कोर्ट ने कहा कि वह आरोपी की दलीलों से सहमत नहीं है. सीबीआई ने सबूतों की चेन पेश की है. कोर्ट ने माना कि लालू की जानकारी में इस घोटाले की साजिश रची गई और आरोपी व्यापक साजिश में शामिल थे. कोर्ट ने कहा कि लालू यादव के परिवार को फायदा मिला है और राबड़ी और तेजस्वी को कॉन्ट्रेक्ट देने के एवज में बेहद कम कीमत पर जमीन मिली. सीबीआई के अनुसार 2005 से 2006 के दौरान यूपीए सरकार में रेल मंत्री रहते हुए लालू यादव ने कोचर बंधुओं को दो होटल लीज पर दिलाए और बदले में पटना में तीन एकड़ जमीन ली.
स्पेशल सीबीआई जज विशाल गोगने ने लालू यादव को कहा, ‘आपने षडयंत्र रचा, लोक सेवक के रूप में अपने पद का दुरुपयोग किया, टेंडर प्रोसेसिंग में दखल दिया और टेंडर हासिल करने की शर्तों में हेराफेरी भी की गई.’ जस्टिस विशाल गोगने ने कहा कि लालू यादव ने कोचर से जमीन के टुकड़ों को कम कीमत पर खरीदने की साजिश रची और बाद में जमीनों पर प्रभावी नियंत्रण रबड़ी और तेजस्वी यादव को ट्रांसफर करने के लिए अन्य आरोपियों के साथ मिलकर साजिश रची.
कोर्ट ने लालू यादव , राबड़ी देवी , तेजस्वी यादव पर आईपीसी की धारा 420, 120B और प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट की धारा 13(2) और 13 (1)(d) के तहत आरोप तय किए. प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट की धारा 13(2) और 13 (1)(d) सिर्फ लालू यादव पर लगे हैं.
कोर्ट ने लालू यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव से पूछा कि क्या वह अपना अपराध मानते हैं तो उन्होंने अपना अपराध मनाने से इनकार कर दिया. उनका कहना है कि वह मुकदमे का सामना करेंगे. राबड़ी यादव ने कहा कि ये गलत केस है. राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव पर 120 बी और 420 आईपीसी के तहत ट्रायल चलेगा. लालू यादव पर सरकारी पद पर रहते हुए अपने पद का दुरुपयोग करने का आरोप है इसलिए उनके ऊपर प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट की धारा लगी है.
IRCTC घोटाला मामले में किन धाराओं में CBI ने आरोप तय किये हैं-
- IPC 120B: 7 साल (अपराधिक षड्यंत्र)
- IPC 420: 7 साल (धोखाधड़ी)
- Poc ACT 13(1) (D) :
- 13(2): 10 साल अधिकतम (सरकारी कर्मचारी द्वारा किया गया आपराधिक भ्रष्टाचार, जैसे किसी सरकारी पद का दुरुपयोग करके फायदा उठाना)
(सुशील पांडेय के इनुपट के साथ)
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