जुबली हिल्स उपचुनाव से पहले बड़ा विवाद! कांग्रेस प्रत्याशी पर वोटर लिस्ट घोटाले का आरोप, जांच के आदेश

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तेलंगाना के जुबली हिल्स विधानसभा क्षेत्र में 11 नवंबर को होने वाले उपचुनाव से पहले कांग्रेस उम्मीदवार नवीन यादव पर वोट चोरी के गंभीर आरोप लगे हैं. यूसुफ़गुड़ा डिवीजन के कृष्णा नगर स्थित 8-3-231/बी/160 फ्लैट में हाल ही में 43 वोटों का एक ही पते पर पंजीकरण कराने का मामला सामने आया है. इसकी शिकायत पर चुनाव अधिकारी ने तत्काल जांच के आदेश जारी कर दिए हैं.

कांग्रेस नेता नवीन यादव पर पहले भी चुनाव आचार संहिता उल्लंघन का आरोप लगा है. वह 2023 में पार्टी में शामिल हुए थे. अक्टूबर की शुरुआत में उन्होंने मधुरानगर क्षेत्र में होलोग्राम रहित ई-ईपीआईसी (इलेक्टोरल फोटो आइडेंटिटी कार्ड) वितरित किए थे, जिसे वोटर प्रलोभन के रूप में देखा गया. मधुरानगर पुलिस स्टेशन में प्रतिनिधित्व ऑफ द पीपल एक्ट और भारतीय न्याय संहिता की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया. शिकायत जुबली हिल्स निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी रजनीकांत रेड्डी ने दर्ज कराई, जो एक समाचार रिपोर्ट और फोटो के आधार पर की गई.

राजनीतिक हलकों में हड़कंप

इस घटना ने राजनीतिक हलकों में हड़कंप मचा दिया है. नवीन यादव, जो 2014 में AIMIM टिकट पर और 2018 में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में जुबली हिल्स से हार चुके हैं, को कांग्रेस ने उपचुनाव के लिए नामित किया है. पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने 8 अक्टूबर को उनकी उम्मीदवारी को मंजूरी दी. हालांकि, विवाद के बावजूद मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने उनका समर्थन किया है. विपक्षी दल बीआरएस और भाजपा ने इसे ‘ओट धांधली’ करार देते हुए चुनाव आयोग से हस्तक्षेप की मांग की है.

वोटर लिस्ट की जांच

चुनाव अधिकारी आरवी करणन ने शिकायत को गंभीरता से लेते हुए स्थानीय टीम को वोटर लिस्ट की जांच और फर्जी पंजीकरण की पड़ताल के निर्देश दिए. उन्होंने कहा, “किसी भी प्रकार की अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी. पारदर्शी चुनाव सुनिश्चित करना हमारी प्राथमिकता है.” इस मामले की जांच रिपोर्ट एक सप्ताह में प्रस्तुत करने का आदेश है.

BRS विधायक के निधन से खाली हुई सीट

यह उपचुनाव बीआरएस विधायक मगंती गोपीनाथ की जून में हार्ट अटैक से निधन के बाद हो रहा है. जुबली हिल्स, जहां यादव और मुस्लिम वोटरों का प्रभाव है, कांग्रेस के लिए महत्वपूर्ण सीट है. पार्टी 2009 के बाद से यहां जीतने की कोशिश में जुटी है. आरोपों ने न केवल यादव की उम्मीदवारी पर सवाल उठाए हैं, बल्कि तेलंगाना की राजनीति में नैतिकता पर बहस छेड़ दी है. चुनाव आयोग ने मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट का सख्ती से पालन सुनिश्चित करने का ऐलान किया है.

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