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Covid-19 in India: लॉकडाउन के दौरान अपनी निरंतर सेवाएं देने वाले बैंक कर्मचारियों को भी कोरोना योद्धा के रूप में सम्मान दिया जाना चाहिए. वॉइस ऑफ बैंकिंग संस्था ने कहा है कि एक साल बाद माना कि सरकार की अन्य एजें…और पढ़ें

लॉकडाउन के दौरान निरंतर सेवाएं देने वाले बैंक कर्मचारियों को भी कोरोना योद्धा के रूप में सम्मान दिया जाना चाहिए.
नई दिल्ली. देश में फैले कोरोना संक्रमण (Coronavirus) के दौरान फ्रंटलाइन वर्कर और कोरोना योद्धा के रूप में अपनी सेवाएं देने वाले बैंक कर्मचारियों को सरकार ने सिर्फ शाब्दिक प्रशंसा का हकदार ही माना है. डिपार्टमेंट ऑफ फाइनेंसियल सर्विसेज और इंडियन बैंक्स एसोसिएशन (Indian Banks Association) को कोरोना के एक वर्ष बाद याद आया है कि बैंक कर्मचारियों (Bank Employees) ने कोरोना महामारी (Corona Pandemic) में बहुत अच्छा काम किया है.
अश्वनी राणा ने कहा है कि यह दुर्भाग्य पूर्ण है कि बैंक कर्मचारियों को न तो कोरोना योद्धा (Corona Warriors) घोषित किया गया और न ही टीकाकरण में भी प्राथमिकता दी गई. जबकि सरकारी कर्मचारियों को कोरोना पॉजिटव होने की स्थिति में विशेष अवकाश की सुविधा भी प्रदान की गई जबकि बैंक कर्मचारियों को इस प्रकार की कोई विशेष सुविधा नहीं दी गई. ऐसे में इस शाब्दिक प्रशंसा का क्या अर्थ है.
बैंकिंग उद्योग ने एक सेवा उद्योग होने के नाते ग्राहकों तक बैंकिंग सेवाएं देने का काम पूरे लॉकडाउन (Lockdown) में निभाया है. बड़े पैमाने पर ग्राहकों और देश की सेवा करने वाले बैंक कर्मचारियों को कोरोना वायरस (COVID-19) के प्रसार के कारण गंभीर चुनौतियों और जोखिमों का सामना करना पडा है. आज तक लगभग 100 से ज्यादा बैंक कर्मचारियों की कोरोना के कारण मृत्यु हो चुकी है. कोरोना संक्रमित बैंक कर्मचारियों की तो कोई संख्या ही नहीं है. हर दिन ब्रांच की ब्रांच कोरोना संक्रमित हो जाती थी और बन्द करनी पड़ती थी.
कोरोना वारियर्स के समान ही बैंक कर्मचारियों को भी कोरोना वायरस के कारण दुर्भाग्यपूर्ण घटना के लिए बीमा कवर, पूर्ण स्वास्थ्य उपचार खर्च सहित प्रोत्साहन और मुआवजा कोरोना पॉजिटिव हुए कर्मचारियों को विशेष अवकाश प्रदान करने के लिए सभी बैंकों को सलाह देनी चाहिए.
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