केदारनाथ हेलीकॉप्टर हादसे में पायलट राजवीर सिंह चौहान की दुखद मौत

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पायलट (रिटायर्ड) लेफ्टिनेंट कर्नल राजवीर सिंह चौहान ने 2011 में लेफ्टिनेंट कर्नल दीपिका से शादी की थी और 14 साल बाद, चार महीने पहले ही उनके घर में जुड़वा बच्चों का जन्म हुआ था. इस खुशखबरी का जश्न मनाने के लिए प…और पढ़ें

दिल पर पत्‍थर रखकर पत्नी ने निभाया कर्तव्‍य, दर्द और साहस की अनकही दास्तां

राजवीर चौहान ने 2011 में शादी की थी और 14 साल बाद, चार महीने पहले ही उनके घर में जुड़वा बच्चों का जन्म हुआ था.

हाइलाइट्स

  • दीपिका ने पति का अंतिम संस्कार खुद किया.
  • राजवीर चौहान की हेलीकॉप्टर हादसे में मौत.
  • चार महीने पहले ही जुड़वा बच्चों का जन्म हुआ था.

Lt Colonel Deepika Chauhan Tearful Goodbye To Her Husband Lt Colonel Rajveer Singh Chauhan: कहते हैं, जिंदगी अनिश्चित है और प्यार का रिश्ता सबसे मजबूत. यह बात तब और स्पष्ट हो जाती है, जब जीवन के सबसे कठिन समय में भी कोई अपने साथी के लिए मजबूती से खड़ा रहता है. हाल ही में हुए केदारनाथ हेलीकॉप्टर हादसे में पायलट रिटायर्ड लेफ्टिनेंट कर्नल राजवीर सिंह चौहान की दुखद मौत ने पूरे देश को झकझोर दिया. लेकिन इस कहानी का सबसे मार्मिक हिस्सा था उनकी पत्नी लेफ्टिनेंट कर्नल दीपिका का साहस, जिन्होंने अपने पति का अंतिम संस्कार खुद किया.

पति का अंतिम संस्कार, दिल पर पत्थर रखकर
दीपिका, जो भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल हैं, ने अपने पति का अंतिम संस्कार खुद किया किया. जब वे पति की तस्वीर को सीने से लगाए आगे बढ़ीं, तो हर आंख नम हो गई. “राजवीर सिंह अमर रहें” के नारों के बीच उनकी दृढ़ता और साहस हर किसी के लिए प्रेरणा बन गया.

लेकिन सवाल उठता है कि यह बाहरी मजबूती के पीछे उनके दिल पर क्या बीत रही होगी? जब आपका साथी, जिसे आप अपना सबकुछ मानते हैं, अचानक जीवन से दूर हो जाए, तो उस दर्द को बयां करना मुश्किल है.

प्यार और जुदाई का अनकहा दर्द
दीपिका के लिए यह समय केवल एक जीवनसाथी को खोने का नहीं, बल्कि अपने सबसे करीबी दोस्त, अपने सपनों के साथी को अलविदा कहने का भी है. उन्होंने अपने पति के साथ जीवन के 15 साल बिताए थे, जिनमें सेना की चुनौतियां और साथ बिताए गए सुख-दुख शामिल थे. जब दीपिका ने अपने पति की तस्वीर को सीने से लगाया होगा, तो उनके दिल में अनगिनत यादें उमड़ पड़ी होंगी. शायद उनके साथ बिताए हर लम्हे ने उन्हें मजबूत बनाया होगा, लेकिन यह मजबूती उस दर्द को मिटा नहीं सकती, जो जुदाई का होता है.





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