Ahoi Ashtami 2025 Bhog: अहोई अष्टमी पूजा में लगाएं इन 5 पारंपरिक चीजों का भोग, माता होंगी प्रसन्न

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अहोई अष्टमी को करक अष्टमी, कराष्टमी  और अवही आठे जैसे नामों से भी जाना जाता है, जोकि हर साल कार्तिक कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर मनाई जाती है. इस दिन माताएं संतान की लंबी आयु के लिए उपवास रखकर माता अहोई की पूजा करती हैं.

अहोई अष्टमी को करक अष्टमी, कराष्टमी और अवही आठे जैसे नामों से भी जाना जाता है, जोकि हर साल कार्तिक कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर मनाई जाती है. इस दिन माताएं संतान की लंबी आयु के लिए उपवास रखकर माता अहोई की पूजा करती हैं.

अहोई अष्टमी पर विधि-विधान और नियमपूर्वक माता अहोई की पूजा करने से संतान के जीवन में सुख-शांति बनी रहती है. इस साल यह व्रत 13 अक्टूबर 2025 को किया जाएगा.

अहोई अष्टमी पर विधि-विधान और नियमपूर्वक माता अहोई की पूजा करने से संतान के जीवन में सुख-शांति बनी रहती है. इस साल यह व्रत 13 अक्टूबर 2025 को किया जाएगा.

अहोई माता की पूजा में फल-फूल आदि जैसी कई चीजें अर्पित की जाती है और भोग भी लगाया जाता है. लेकिन कई बार लोगों को पारंपरिक भोगों के बारे में पता नहीं होता. जानें ऐसे 5 पारंपरिक भोग, जिन्हें भोग लगाने से अहोई माता खूब प्रसन्न होती हैं.

अहोई माता की पूजा में फल-फूल आदि जैसी कई चीजें अर्पित की जाती है और भोग भी लगाया जाता है. लेकिन कई बार लोगों को पारंपरिक भोगों के बारे में पता नहीं होता. जानें ऐसे 5 पारंपरिक भोग, जिन्हें भोग लगाने से अहोई माता खूब प्रसन्न होती हैं.

कढ़ी चावल- अहोई माता को कढ़ी चावल का भोग लगाया जाता है. यह सात्विक और सादा भोग पूजा में जरूर चढ़ाएं. इस भोग से संतान के जीवन में भी शांति बनी रहती है. साथ ही कढ़ी चावल का भोग मां अहोई को भी खूब प्रिय है.

कढ़ी चावल- अहोई माता को कढ़ी चावल का भोग लगाया जाता है. यह सात्विक और सादा भोग पूजा में जरूर चढ़ाएं. इस भोग से संतान के जीवन में भी शांति बनी रहती है. साथ ही कढ़ी चावल का भोग मां अहोई को भी खूब प्रिय है.

दूध की मिठाई या दूध से बनी चीजों का भी भोग आप अहोई अष्टमी की पूजा में अर्पित कर सकते हैं. इस दिन आप खीर, रसमलाई, छेना बर्फी, रलगुल्ला आदि का भोग भी लगा सकते हैं.

दूध की मिठाई या दूध से बनी चीजों का भी भोग आप अहोई अष्टमी की पूजा में अर्पित कर सकते हैं. इस दिन आप खीर, रसमलाई, छेना बर्फी, रलगुल्ला आदि का भोग भी लगा सकते हैं.

सिंघाड़ा- अहोई अष्टमी पर सिंघाड़े का भोग लगाना महत्वपूर्ण होता है. मान्यता है कि सिंघाड़े का भोग लगाने से संतान के जीवन में किसी प्रकार की बाधा नहीं आती.

सिंघाड़ा- अहोई अष्टमी पर सिंघाड़े का भोग लगाना महत्वपूर्ण होता है. मान्यता है कि सिंघाड़े का भोग लगाने से संतान के जीवन में किसी प्रकार की बाधा नहीं आती.

हलवा- अहोई अष्टमी पर माता को सूजी से बनी चीजें जैसे सूजी के हवला का भोग लगा सकते हैं. आप चाहे तो अहोई माता को हलवा-पूरी का भोग भी लगा सकते हैं. यह भोग काफी शुभ होता है.

हलवा- अहोई अष्टमी पर माता को सूजी से बनी चीजें जैसे सूजी के हवला का भोग लगा सकते हैं. आप चाहे तो अहोई माता को हलवा-पूरी का भोग भी लगा सकते हैं. यह भोग काफी शुभ होता है.

Published at : 12 Oct 2025 11:03 PM (IST)



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