Amarnath Yatra 2025 start 3 july to 9 august holy amarnath gufa history significance

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Amarnath Yatra 2025: हिंदू धर्म में चारों धाम के अलावा अमरनाथ यात्रा का भी विशेष महत्व है. ये यात्रा कठिन जरुर है लेकिन पुण्यकारी भी है. मान्यता है कि इस यात्रा को करने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है और आध्यात्मिक लाभ मिलते हैं. पुराणों में वर्णन है कि अमरनाथ यात्रा से साधक को 23 तीर्थों के दर्शन करने जितना पुण्य प्राप्त होता है. अमरनाथ यात्रा इस साल कब से शुरू हो रही है आइए जानते हैं डेट और इसका इतिहास.

अमरनाथ यात्रा 2025

अमरनाथ यात्रा 3 जुलाई 2025 से शुरू हो रही है. 38 दिन तक चलने वाली इस यात्रा का समापन 9 अगस्त को रक्षाबंधन वाले दिन होगा. अमरनाथ यात्रा के लिए बुधवार को पहला जत्था जम्मू से रवाना हो गया है. अमरनाथ की गुफा समुद्र तल से लगभग 3,978 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है, इसलिए यह यात्रा काफी कठिन होती है.

बाबा बर्फानी का रहस्य

अमरनाथ गुफा में प्राकृतिक रूप से बनने वाले बर्फ के शिवलिंग को बाबा बर्फानी कहा जाता है.यह शिवलिंग हर साल श्रावण मास में अपने पूर्ण आकार में आता है और चंद्रमा की कलाओं के साथ घटता-बढ़ता रहता है. हर साल प्राकृतिक रूप से बर्फ का शिवलिंग कैसे बनता है,ये रहस्या आज भी कायम है.

अमरनाथ गुफा का इतिहास

अमरनाथ गुफा की खोज के विषय को लेकर कई मत है. इतिहास के अनुसार 1850 में बूटा मलिक नाम गड़रिए ने इस गुफा की खोज की थी. वहीं एक पौराणिक मान्यता यह भी है कि जब कश्मीर घाटी पानी में डूब गई थी और झील बन गई थी, तब कश्यप ऋषि ने प्राणियों की रक्षा के लिए इस जल को कई नदियों और छोटे-छोटे जल स्रोतों से आगे प्रवाहित कर दिया. इसी दौरान भृग ऋषि हिमालय यात्रा पर थे तब उन्हें अमरनाथ गुफा और शिवलिंग दिखाई दिया, तब से ही अमरनाथ में शिवजी की पूजा की जाने लगी.

क्यों पड़ा अमरनाथ गुफा नाम ?

शास्त्रों के अनुसार शिव ने पार्वती माता को इसी गुफा में अमरता की कहानी सुनाई थी, इसलिए इसे अमरनाथ गुफा कहा जाता है.

अमरनाथ यात्रा का महत्व ?

पुराणों के अनुसार बाबा अमरनाथ के दर्शन से काशी में दर्शन का 10 गुना, प्रयाग से 100 गुना और नैमिषारण्य से 1000 गुना अधिक पुण्य मिलता है.

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Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें. 



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