कर्नाटक में एक बार फिर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) को लेकर सियासी माहौल गरम हो गया है. राज्य के आईटी-बीटी और ग्रामीण विकास मंत्री प्रियांक खरगे ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को पत्र लिखकर सरकारी परिसरों और सार्वजनिक स्थलों पर RSS की गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है. इस बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बीके. हरिप्रसाद ने भी RSS पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि मैं RSS को भारतीय तालिबान कहना ही ठीक समझता हूं. यह संगठन देश में अशांति फैलाने की कोशिश कर रहा है.
प्रियांक खरगे ने 4 अक्टूबर को मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में कहा कि देश के बच्चों, युवाओं और समाज के हित में राज्य में सरकारी जमीनों पर RSS की शाखाएं, संघिक कार्यक्रम और बैठकों पर तुरंत प्रतिबंध लगाना चाहिए. उन्होंने आरोप लगाया कि RSS सरकारी व सहायता प्राप्त स्कूलों, सार्वजनिक मैदानों, मंदिरों, पुरातत्व विभाग की संपत्तियों और पार्कों में शाखाएं चला रहा है, जहां स्लोगन और नकारात्मक विचार युवाओं में डाले जा रहे हैं.
मनोवैज्ञानिक प्रभाव होगा घातक
मंत्री प्रियांक खरगे ने आगे कहा कि संगठन बिना पुलिस अनुमति और लाठियों के साथ गतिविधियों को चला रहा है, जिसका मनोवैज्ञानिक प्रभाव बच्चों और युवाओं पर घातक हो सकता है. उन्होंने यह भी कहा कि संविधान सरकार को विभाजनकारी तत्वों को रोकने का अधिकार देता है, ताकि धर्मनिरपेक्षता और समानता के मूल्यों की रक्षा हो सके. प्रियांक खरगे की इस मांग और बीके. हरिप्रसाद की टिप्पणी के बाद बीजेपी ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोला. पार्टी नेताओं का कहना है कि कांग्रेस को राष्ट्रवाद और RSS की विचारधारा से दिक्कत है, जबकि वे पाकिस्तान जिंदाबाद जैसे नारे सुनने के आदी हैं.
बीजेपी का कांग्रेस पर हमला
बीजेपी अध्यक्ष बीवाई. विजयेंद्र ने कहा कि कांग्रेस सरकार को सीमापार से बम धमाके करने वालों से कोई परेशानी नहीं, लेकिन भारत के सर्वांगीण विकास के लिए काम करने वाले संगठन RSS से है. बीजेपी नेता अमित मालवीय ने भी कांग्रेस पर निशाना साधते हुए एक पुरानी तस्वीर साझा की और लिखा थोड़ी सी जानकारी खतरनाक होती है. 2002 में जब मल्लिकार्जुन RSS ने आरएसएस की सामाजिक गतिविधियों की सराहना की थी, आज उनके बेटे इसे प्रतिबंधित करने की मांग कर रहे हैं.
RSS को लेकर एक बार फिर राजनीतिक टकराव
कर्नाटक में कांग्रेस और बीजेपी के बीच RSS को लेकर एक बार फिर राजनीतिक टकराव गहराता जा रहा है, जहां प्रियांक खरगे ने संगठन की गतिविधियों पर रोक लगाने की बात की है, वहीं बीके. हरिप्रसाद ने इसे भारतीय तालिबान बताया है. बीजेपी इसे कांग्रेस की राष्ट्र-विरोधी मानसिकता का उदाहरण बता रही है. अब सबकी निगाहें मुख्यमंत्री सिद्धारमैया पर टिकी हैं कि वह इस विवादित मुद्दे पर क्या कदम उठाते हैं.
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