GK: धोनी से कोहली तक…. क्रिकेट बैट की राजधानी बना मेरठ, जानिए कहां और कैसे शुरू हुई ये इंडस्ट्री

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General Knowledge: मेरठ को विश्व में स्पोर्ट्स सिटी के नाम से जाना जाता है. यहां की खेल सामग्री की डिमांड 70 से अधिक देशों में है. धोनी, कोहली, तेंदुलकर जैसे खिलाड़ियों ने मेरठ के बल्ले से कमाल किया है.

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ को विश्व में स्पोर्ट्स सिटी के नाम से जाना चाहता है. मेरठ में तैयार होने वाली खेल सामग्री की डिमांड विश्व के 70 से अधिक देशों में देखने को मिलती है. महेंद्र सिंह धोनी, विराट कोहली, रविंद्र जडेजा, रोहित शर्मा, केएल राहुल, रिंकू सिंह, युवराज सिंह, सचिन तेंदुलकर, सहित विदेश के 80% खिलाड़ियों ने मेरठ के बल्ले से क्रिकेट के क्षेत्र में काफी कमाल किया है. ऐसे में आज हम जानते हैं, कि कैसे मेरठ में स्पोर्ट्स सामग्री बनाने की शुरुआत हुई.

मेरठ सूरजकुंड स्पोर्ट्स गुड्स संगठन के अध्यक्ष अनुज कुमार सिंघल के अनुसार वर्ष 1947 में देश आजाद होने व बंटवारे होने के बाद जब भारत पाकिस्तान से लोग इधर-उधर आ रहे थे. तो इस समय पाकिस्तान की सियालकोट से आए रिफ्यूजी परिवारों ने मेरठ में शरण ली थी. उसके बाद घर का खर्च चलाने के लिए वह जो कार्य जानते थे. उसी की तरफ उन्होंने कदम बढ़ाया. जिसमें मेरठ के व्यापारियों ने अहम रोल निभाते हुए उनका साथ दिया. आज मेरठ की स्पोर्ट्स मार्केट विश्व में अपनी एक विशेष पहचान रखती है.

मेरठ सूरजकुंड स्पोर्ट्स गुड्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अनुज कुमार सिंघल के अनुसार मेरठ में तैयार होने वाले क्रिकेट बैट सहित अन्य स्पोर्ट्स सामग्री की डिमांड विश्व के 70 देश में देखने को मिलती है.

जहां लोग मेरठ में बनी स्पोर्ट्स सामग्री पर ज्यादा विश्वास करते हुए दिखाई देते हैं, क्योंकि यहां पर क्वालिटी को लेकर विशेष फोकस किया जाता है. उन्होंने बताया कि इसमें वर्ष 1980 के बाद से डिमांड काफी ज्यादा देखने को मिली है.

यूं तो मेरठ में आपको विभिन्न ऐसी इकाइयां दिखाई देगी. जहां क्रिकेट के समान बनाए जाते हैं, लेकिन राष्ट्रीय- अंतरराष्ट्रीय स्तर के सभी खिलाड़ियों को मेरठ की एसजी, एसएस और बीडीएम कंपनी के बल्ले काफी पसंद आते हैं. महेंद्र सिंह धोनी, विराट कोहली, रविंद्र जडेजा, रोहित शर्मा, केएल राहुल, रिंकू सिंह, युवराज सिंह, सचिन तेंदुलकर, सहित विदेश के 80% खिलाड़ियों ने मेरठ के बल्ले से क्रिकेट के क्षेत्र में काफी कमाल किया है.

क्रिकेट बैट बनाने के लिए इंग्लिश विलो, कश्मीरी विलो, पॉपुलर विलो, सहित विभिन्न प्रकार की विलो का उपयोग किया जाता है. लेकिन राष्ट्रीय- अंतरराष्ट्रीय स्तर के जितने भी बड़े खिलाड़ियों की बात की जाए, तो वह सभी इंग्लिश विलो के बैट से खेलना काफी पसंद करते हैं. क्योंकि यह अन्य विलो के मुकाबले हल्की होती है.

बताते चलें कि भारत की अगर बात की जाए तो दो ही ऐसे शहर है, जहां सबसे ज्यादा स्पोर्ट्स का समान बनाया जाता है. इसमें क्रांति धरा मेरठ और पंजाब का जालंधर शामिल है.

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