How Donald Trump Dead Cat Diplomacy Bring Peace In Gaza War Israel Hamas Ceasefire Netanyahu – Amar Ujala Hindi News Live

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गाजा में संघर्ष विराम हो चुका है और सोमवार को इस्राइली बंधकों की रिहाई भी हो सकती है। इससे पश्चिम एशिया में बीते दो वर्षों से छिड़े संघर्ष के खत्म होने और शांति स्थापित होने की उम्मीद है। संघर्ष विराम के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति ने 20 सूत्रीय शांति प्रस्ताव तैयार किया, जिस पर दोनों पक्ष सहमत हुए और आखिर में संघर्ष विराम हुआ। हालांकि ये इतना भी आसान नहीं था और हमास के साथ ही इस्राइली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू भी शांति प्रस्ताव को लेकर बहुत ज्यादा उत्साहित नहीं थे। हालांकि ट्रंप ने मृत बिल्ली कूटनीति का इस्तेमाल करते हुए नेतन्याहू को मना लिया। 

क्या है मृत बिल्ली कूटनीति

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, जब ट्रंप ने नेतन्याहू को 20 सूत्रीय शांति प्रस्ताव के बारे में बताया तो नेतन्याहू ज्यादा खुश नहीं हुए और कहा कि इसमें जश्न मनाने जैसा कुछ नहीं है। इस पर ट्रंप ने नाराज होते हुए कहा कि ‘मुझे नहीं पता कि आप हमेशा इतने नकारात्मक क्यों होते हैं। यह एक जीत है। इसे स्वीकार करें।’ इसके बाद ट्रंप और नेतन्याहू की यह निजी बातचीत लीक भी हो गई। माना जा रहा है कि यह रणनीति के तहत किया गया ताकि शांति वार्ता अगर विफल हो जाती है तो इससे ये दिखाया जा सके कि नेतन्याहू के अड़ियल रुख के चलते शांति समझौता नहीं हो सका। साफ था कि नेतन्याहू पर दबाव बनाया गया। 

अंतरराष्ट्रीय मामलों के जानकार इसे कूटनीति की भाषा में मृत बिल्ली कूटनीति कहते हैं। इसके जनक अमेरिका के पूर्व विदेश मंत्री (1989-1992) जेम्स बेकर हैं। बेकर ने साल 1991 में मैड्रिड शांति सम्मेलन में भाग लेने के लिए सीरिया, इस्राइल और फलस्तीनी नेताओं को मनाने के लिए इसी कूटनीति का इस्तेमाल किया था। इसके तहत किसी विवाद का हल न निकलने पर उसका दोष किसी एक वार्ताकार के अड़ियल रवैया पर थोप देने की कोशिश की जाती है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निशाने पर आने से बचने के लिए कोई भी देश ऐसा नहीं होने देना चाहता है और अक्सर यह कूटनीति सफल रहती है। 

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फलस्तीनी वार्ताकार हनान अशरावी ने याद करते हुए बताया कि मैड्रिड शांति सम्मेलन पर वार्ता के लिए जब बेकर पश्चिम एशिया आए तो उनके आठ दौरों के बाद भी जब सहमति न बनती देखी तो उन्होंने अरब देशों के नेताओं के सामने निराशा जाहिर करते हुए कहा कि ‘मैं तंग आ गया हूं, तुम लोगों की आपत्तियां कभी खत्म ही नहीं होतीं।’ उन्होंने मुहावरा कहा कि ‘मरी हुई बिल्ली को अपने दरवाजे पर मत मरने दो।’ बेकर ने वार्ता खत्म करने की धमकी दी। इससे अरब देशों और इस्राइली नेतृत्व पर दबाव बना और वो सभी मैड्रिड शांति सम्मेलन में शामिल होने के लिए मान गए। अब ट्रंप ने भी उसी कूटनीति का इस्तेमाल किया और ये दिखाने की कोशिश की कि गाजा में शांति की यह आखिरी कोशिश है। उन्होंने हमास को धमकी भी दी। इसका असर हुआ और दोनों पक्ष शांति के लिए सहमत हो गए। 



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