कांग्रेस नेता और सांसद राहुल गांधी मंगलवार को हरियाणा के आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार के परिवार से मिलने चंडीगढ़ पहुंचे. हवाई अड्डे पर उतरने के बाद वे सुबह लगभग 11 बजे कुमार के आवास पर गए और परिवार से मिलकर संवेदना व्यक्त की. उन्होंने पूरन कुमार को श्रद्धांजलि अर्पित की.
इसके बाद राहुल गांधी ने कहा, “यह एक दुखद घटना है. पूरन कुमार एक सरकारी अधिकारी हैं और हरियाणा के मुख्यमंत्री ने व्यक्तिगत रूप से उनसे वादा किया था कि स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच शुरू की जाएगी और कार्रवाई की जाएगी. यह वादा तीन दिन पहले किया गया था, लेकिन अब तक पूरा नहीं हुआ. उनकी दोनों बेटियां, जिन्होंने अपने पिता को खो दिया है इस समय अत्यधिक दबाव में हैं.” राहुल गांधी ने परिवार के प्रति सहानुभूति व्यक्त करते हुए कहा कि उन्हें न्याय सुनिश्चित किया जाना चाहिए और संबंधित अधिकारियों को शीघ्र कार्रवाई करनी चाहिए.
राहुल गांधी ने क्या कहा?
राहुल गांधी ने कहा कि यह स्पष्ट है कि पिछले कई सालों से अधिकारी सिस्टमेटिकली उत्पीड़न और धमकियां दे रहे थे. उनका मानना है कि इससे देशभर के करोड़ों दलित नागरिकों को गलत संदेश जा रहा है कि चाहे आप कितने भी सफल हों, दलित होने के कारण आपको दबाया, कुचला और नजरअंदाज किया जा सकता है.
राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री और हरियाणा के मुख्यमंत्री से अपील की कि परिवार से किए गए न्याय के कमिटमेंट को पूरा किया जाए. उन्होंने यह भी कहा कि जिन अधिकारियों की गिरफ्तारी की मांग है, उन्हें तुरंत गिरफ्तार किया जाना चाहिए और मामले की निष्पक्ष जांच सुनिश्चित की जाए.
क्या बोलीं प्रियंका गांधी?
वहीं, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने एक्स पर अपने ट्वीट में लिखा, “हरियाणा के वरिष्ठ IPS अधिकारी श्री वाई पूरन कुमार जी ने हाल ही में जातिगत उत्पीड़न से तंग आकर आत्महत्या कर ली थी. उनका परिवार न्याय के लिए भटक रहा है लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है. यह पूरा प्रकरण इस बात का सबूत है कि भाजपा राज में ऊंचे पदों पर पहुंचकर भी दलित समाज के लोग सुरक्षित नहीं हैं और न ही उनके लिए न्याय है. ऐसी शर्मनाक घटनाएं देश और समाज के लिए कलंक हैं.”
परिवार ने की गिरफ्तारी की मांग
आईपीएस अधिकारी पूरन कुमार के परिवार ने उनके आत्महत्या के पीछे कथित तौर पर जिम्मेदार अधिकारियों की गिरफ्तारी की मांग की है. अधिकारी की पत्नी वरिष्ठ आईएएस अमनीत पी कुमार ने कहा कि कपूर और बिजारनिया का नाम उनके पति को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में एफआईआर में दर्ज किया जाना चाहिए.
परिवार ने स्पष्ट किया है कि उनकी मांगों पर ध्यान दिए बिना पोस्टमार्टम और दाह संस्कार के लिए किसी भी प्रकार की सहमति नहीं दी जाएगी. यह कदम इस मामले में न्याय सुनिश्चित करने की उनके दृढ़ इच्छा और दबाव को दर्शाता है.
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