IRCTC होटल भ्रष्टाचार मामले में राउज एवेन्यू की स्पेशल CBI कोर्ट अपना अहम फैसला सुना सकती है. अदालत यह तय करेगी कि पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, बेटे तेजस्वी यादव और अन्य आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किए जाएंगे या उन्हें बरी किया जाएगा.
रॉउज एवन्यू कोर्ट के स्पेशल CBI जज विशाल गोगने ने पहले ही 24 सितंबर को सभी आरोपियों को सोमवार (12 अक्टूबर, 2025) को कोर्ट में पेश होने का निर्देश दिया था. कोर्ट ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद 29 मई को फैसला सुरक्षित रख लिया था.
यह है पूरा मामला
CBI की FIR के मुताबिक, यह मामला 2004 से 2009 के बीच लालू प्रसाद यादव के रेल मंत्री रहने के दौरान IRCTC के दो होटलों के रखरखाव के ठेकों में कथित भ्रष्टाचार से जुड़ा है. एजेंसी का आरोप है कि ये ठेके विजय और विनय कोचर की फर्म सुजाता होटल्स को दिए गए थे, जिसके बदले लालू से जुड़ी एक बेनामी कंपनी के जरिए तीन एकड़ कीमती जमीन ली गई थी.
CBI ने 7 जुलाई 2017 को केस दर्ज किया था और पटना, दिल्ली, रांची व गुरुग्राम में 12 ठिकानों पर छापेमारी की थी. CBI का दावा है कि आरोप तय करने के लिए पर्याप्त सबूत मौजूद हैं. CBI ने इस मामले में IPC की धारा 120, 420 और प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट 1988 की धारा 13(2) R/W 13(1)(D) के तहत चार्जशीट दाखिल किया था.
लालू परिवार ने कहा- ‘नहीं है सबूत’
लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार ने कोर्ट में कहा है कि उनके खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं है, इसलिए उन्हें बरी किया जाना चाहिए. मामले में कुल 14 आरोपी हैं और कोर्ट सोमवार को यह तय करेगी कि मुकदमा आगे चलेगा या नहीं. फैसले पर पूरे देश की निगाहें टिकी हैं, खासकर बिहार में इसे चुनावी माहौल से जोड़कर देखा जा रहा है.
ये भी पढ़ें:- ‘अब खुद कांग्रेस ने कबूली गलती’, ऑपरेशन ब्लू स्टार पर चिदंबरम के बयान को लेकर बोली BJP
Leave a Reply