Karur Stampede: Supreme Court To Pronounce Verdict Today On Tvk’s Plea For Independent Probe; Party Suspects – Amar Ujala Hindi News Live

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तमिलनाडु के करूर में अभिनेता-राजनेता विजय के रैली के दौरान हुए भगदड़ के मामले में तमिलागा वेट्री कजगम सुप्रीम कोर्ट में स्वतंत्र जांच की याचिका दाखिल की थी। सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका पर अपना फैसला सुनाया और मामले की सीबीआई जांच के आदेश दिए हैं। बता दें कि टीवीके ने सुप्रीम कोर्ट से मांग की थी कि भगदड़ की जांच एक पूर्व सुप्रीम कोर्ट न्यायाधीश की निगरानी में हो, क्योंकि पार्टी का कहना है कि सिर्फ तमिलनाडु पुलिस की तरफ से बनाई गई विशेष जांच दल (एसआईटी) से जनता का भरोसा नहीं बनेगा। पार्टी ने यह भी आरोप लगाया कि भगदड़ पूर्व नियोजित साजिश का हिस्सा हो सकता है।

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पूर्व जज अजय रस्तोगी करेंगे निगरानी

वहीं टीवीके की इस मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश अजय रस्तोगी को करूर भगदड़ मामले में सीबीआई जांच की निगरानी करने वाली समिति का प्रमुख नियुक्त किया है। टीवीके के सचिव आधव अर्जुना ने इस याचिका को सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया था। इससे पहले मद्रास हाई कोर्ट ने एसआईटी का गठन किया था, जिसे टीवीके ने चुनौती दी थी।

टीवीके के कई सदस्यों के खिलाफ याचिका दायर

भगदड़ के तुरंत बाद विवाद और आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो गए थे। करूर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर टीवीके के करूर (उत्तर) जिला सचिव माधियाझगन, जनरल सेक्रेटरी बसी आनंद, और ज्वाइंट जनरल सेक्रेटरी सीटीआर निर्मल कुमार के खिलाफ हत्या, हत्या का प्रयास, और अन्य की जान जोखिम में डालना जैसे गंभीर आरोप लगाए थे। पुलिस का कहना है कि भगदड़ में कोई खुफिया चूक नहीं हुई। रैली में विजय देर से पहुंचे, और लोग कई घंटे से इंतजार कर रहे थे।

कैसे बेताब हुई भीड़?

पुलिस अधिकारियों ने आयोजकों से कहा था कि विजय की विशेष रैली बस को निर्धारित स्थान से कम से कम 50 मीटर पहले रोक दें। लेकिन आयोजकों ने तय जगह पर ही बस खड़ी की। पुलिस के अनुसार, ’10 मिनट तक नेता बस से बाहर नहीं आए, जिससे भीड़ असंतुष्ट हो गई। लोग उन्हें देखने के लिए बेताब थे।’

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टीवीके पर शर्तों का पालन न करने का आरोप

बता दें कि, इस रैली के लिए टीवीके ने 10,000 लोगों के लिए अनुमति मांगी थी, लेकिन रैली में लगभग 25000 लोग जमा हो गए। पुलिस ने कहा कि पार्टी ने पर्याप्त पानी, सुरक्षा और अन्य व्यवस्थाएं नहीं कीं और अनुमति की शर्तों का पालन नहीं किया।



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