
जब कुलदेवता नाराज होते हैं तो पारिवारिक प्रयासों में लगातार रुकावटों का सामना करना पड़ सकता है. इसके अलावा नौकरी, विवाह, व्यापार और शिक्षा के क्षेत्र में कड़ी मेहनत के बाद भी मनचाहा फल प्राप्त न होना, इसका बड़ा संकेत हो सकता है. अगर घर में ये संकेत दिखाई दे रहे हैं तो इसका मतलब घर के पितृ आपसे नाराज हैं.

कुलदेवता के नाराज होने का दूसरा सबसे बड़ा संकेत परिवार के सदस्यों को बार-बार बीमार पड़ना, सर्जरी या छोटी-मोटी दुर्घटनाएं होना. इस तरह के संकेत ईश्वरीय असुरक्षा की ओर इशारा करते हैं.

विवाह से जुड़ी बातचीत में अड़चनों का सामना करना, बार-बार शादी का टूटना या बिना किसी कारण के वैवाहिक रिश्ते बिगड़ जाना, तो यह कुलदेवता के नाराज होने का एक संकेत हो सकता है. इस स्थिति में आपको पूजा-अर्चना और दान दक्षिणा करना चाहिए.

अगर आप सालों से कुल देवी या देवता के मंदिर में पूजा नहीं करते हैं तो माना जाता है कि देवी-देवता की ऊर्जा निष्क्रिय या कठोर हो जाती है, जिससे आपको ठहराव या गलतफहमियों को सामना करना पड़ सकता है.

घर में आए दिन लगातार तनाव, क्रोध या इमोशनली वीक महसूस करना, खासतौर पर बड़ों या भाई-बहन के बीच झगड़े होना यह ईश्वरीय सद्भाव या असुरक्षा का संकेत देता है.

घर में धीरे-धीरे आर्थिक संकट गहराता जा रहा है, कर्ज या संपत्ति की हानि का सामना करना पड़ रहा है, तो यह कुल देवी या देवता के नाराज होने का संकेत हो सकता है. ऐसी स्थिति में कुलदेवी-देवता को प्रसन्न करने के लिए पूजा अनुष्ठान करना चाहिए.

सपनों में बार-बार सांपों को देखना, पूर्वज या मंदिर को देखना इस बात की ओर इशारा करता है कि, आपके कुलदेवता आपके कर्मों से असंतोष हैं और आपको अपने कर्मों को सुधारने के लिए बार-बार संकेत दे रहे हैं.

कई परंपराओं में छोटे-छोटे बच्चे पूर्वजों और दैवीय ऊर्जा से काफी जुड़े होते हैं. उनकी नींद में बार-बार बेचैनी या नींद में खलल पड़ने का अर्थ हो सकता है कि, कुलदेवता की कृपा बहाल करने की जरूरत है.
Published at : 14 Oct 2025 11:17 AM (IST)
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