दांतों की सेहत हमारे पूरे शरीर की सेहत पर गहरा असर डालती है. दांतों की समस्याएं जैसे मसूड़ों में सूजन, दांत सड़ना, पायरिया आदि न केवल असुविधाजनक होती हैं, बल्कि ये हमारे शरीर में इंफेक्शन फैलाने का कारण भी बन सकती हैं. आयुष मंत्रालय के मुताबिक, दांतों और मसूड़ों की देखभाल के लिए योगासन और प्राणायाम भी बहुत प्रभावी साबित होते हैं. योग से दांतों की समस्याओं में आराम मिलता है. साथ ही, यह ओरल हाइजीन बनाए रखने में मदद करता है. खासकर शीतकारी, शीतली, वात नाशक मुद्रा, सर्वांगासन और अपान मुद्रा जैसे योगासन दांतों की देखभाल के लिए बेहद फायदेमंद माने गए हैं.
कैसे करें शीतकारी आसन?
शीतकारी प्राणायाम ऐसा योग है, जो दांतों की सड़न को कम करने में सहायक होता है. जब हम शीतकारी प्राणायाम करते हैं तो यह मुंह के अंदर की गर्माहट को कम करता है और मसूड़ों की सूजन को घटाता है. इस प्राणायाम में आपको आरामदायक स्थिति में बैठकर होंठों को खोलकर सांस अंदर लेते हुए ‘सी-सी’ की आवाज निकालनी होती है और धीरे-धीरे नाक से सांस छोड़नी होती है. इसे 10 से 12 बार दोहराना चाहिए. इस प्रक्रिया से मुंह के अंदर ठंडी हवा जाती है, जिससे मसूड़े मजबूत होते हैं और दांतों की सेहत सुधरती है. नियमित प्रैक्टिस से दांतों की सड़न की समस्या काफी हद तक कम हो जाती है.
वात नाशक मुद्रा भी बेहद कारगर
दांतों से जुड़ी समस्याओं को दूर करने के लिए वात नाशक मुद्रा भी बेहद उपयोगी है. यह मुद्रा शरीर में जमा जहरीले पदार्थों को निकालने में मदद करती है, जिससे दांतों और मसूड़ों की सेहत में सुधार होता है. वात नाशक मुद्रा करने के लिए तर्जनी और बीच की उंगली को मोड़कर हथेली से मिला लेना होता है और अंगूठे को बाकी उंगलियों के ऊपर हल्का-सा रखना होता है. इस मुद्रा में आराम से बैठकर 10 से 15 मिनट तक बने रहना चाहिए. इस दौरान शरीर की थकान भी कम होती है और दांतों की समस्याओं में राहत मिलती है. यह मुद्रा दांतों के आसपास के ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाकर उनकी मजबूती बढ़ाती है.
यह है शीतली प्राणायाम करने का तरीका
शीतली प्राणायाम दांतों के लिए ठंडक देने वाला योग है, जो शरीर को अंदर से ठंडा करता है और दांतों की देखभाल में मदद करता है. इस प्राणायाम में जमीन पर सुखासन की मुद्रा में बैठकर जीभ को बाहर निकालना होता है. फिर जीभ के किनारों को ऊपर की ओर मोड़ते हुए मुंह से सांस लेना होता है और नाक से छोड़ना होता है. इसे दिन में 10 से 15 बार करने से मसूड़ों की सूजन में कमी आती है और दांत मजबूत बनते हैं. यह प्राणायाम मुंह के अंदर गर्मी को कम कर फंगल इंफेक्शन और मसूड़ों की सूजन को भी रोकता है.
दांतों के लिए यह आसन भी बेहद जरूरी
सर्वांगासन भी दांतों की समस्याओं से बचाव के लिए बहुत फायदेमंद है. यह आसन मुंह में बैक्टीरिया के बढ़ने से होने वाली दांतों की सड़न और मसूड़ों की बीमारी को रोकने में मदद करता है. सर्वांगासन करते समय शरीर को कमर के बल लेटकर पैरों को ऊपर उठाना होता है. इसके बाद धीरे-धीरे कूल्हे और कमर को भी ऊपर उठाकर शरीर का भार कंधों पर डालना होता है. हाथों से पीठ का सहारा लेकर इस स्थिति को संभालना होता है. शुरुआत में कुछ सेकंड के लिए यह आसन करना चाहिए और धीरे-धीरे समय बढ़ाना चाहिए. इससे ब्लड सर्कुलेशन सुधरता है, जो दांतों और मसूड़ों को पोषण देने में मदद करता है.
इसे भी पढ़ें: क्या होता है हार्ट फेल्योर, ऐसी लाइफस्टाइल के साथ कब तक जिंदा रह सकता है इंसान?
Disclaimer: यह जानकारी रिसर्च स्टडीज और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है. इसे मेडिकल सलाह का विकल्प न मानें. किसी भी नई गतिविधि या व्यायाम को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर या संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
Check out below Health Tools-
Calculate Your Body Mass Index ( BMI )
Calculate The Age Through Age Calculator
Leave a Reply