TATA ट्रस्ट में खींचतान! अमित शाह से मिले नोएल टाटा और एन चंद्रशेखरन, 10 अक्टूबर को होगी बोर्ड मीटिंग

Spread the love



Tata Trusts Power Struggle: टाटा ट्रस्ट के चेयरमैन नोएल टाटा और टाटा संस के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन ने मंगलवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात की. इस दौरान टाटा संस के बोर्ड में निदेशकों की नियुक्ति और गर्वनेंस के मुद्दे पर ट्रस्टियों के बीच मतभेद पर चर्चा हुई. मंगलवार को नोएल टाटा, एन. चंद्रशेखरन, टाटा ट्रस्ट्स के वाइस चेयरमैन वेणु श्रीनिवासन और ट्रस्टी डेरियस खंबाटा शाम को गृहमंत्री के आवास पर बैठक के लिए पहुंचे, जिसमें सीतारमण भी शामिल हुईं.

क्या है मामला?

टाटा ट्रस्ट टाटा संस में लगभग 66 परसेंट हिस्सेदारी रखता है. हाल ही में हुए मतभेदों के बाद टाटा ट्रस्ट्स दो गुटों में बंट गए हैं. एक गुट की कमान नोएल टाटा के पास है. वहीं, चार सदस्यों के दूसरे गुट की कमान मेहुल मिस्त्री के पास है. इनके बीच विवाद की असली वजह टाटा संस में निदेशक मंडल की नियुक्ति को लेकर है.

दरअसल, रतन टाटा के निधन के बाद अक्टूबर 2024 में नोएल टाटा टाटा ट्रस्ट्स का चेयरमैन चुने गए. उस दौरान तय किया गया कि टाटा संस बोर्ड में ट्रस्ट्स के नॉमिनी डायरेक्टर्स की नियुक्ति हर साल की जाएगी, ताकि ट्रस्ट के सभी सदस्यों के बीच पारदर्शिता बनी रहे. यहां यह भी बताना जरूरी है कि मेहुल मिस्त्री शापूरजी पालोनजी ग्रुप से जुड़े हुए हैं, जिसकी टाटा संस में 18.37 परसेंट हिस्सेदारी है. अब कुछ ट्रस्टियों का यह मानना है कि नोएल टाटा कई जरूरी जानकारियों से उन्हें दूर रख रहे हैं. नोएल टाटा के कामकाज के तरीके से ये ट्रस्टीज खुश नहीं हैं.

मेहुल मिस्त्री का क्या है आरोप? 

मिस्त्री रतन टाटा के बड़े सपोर्टर हैं और उन्होंने दिवंगत साइरस मिस्त्री के खिलाफ लड़ाई में टाटा का साथ दिया था. मेहुल का कहना है कि नोएल टाटा ने कई अहम जानकारियों से उन्हें दूर रखा. इस विवाद की बड़ी वजह टाटा संस में बोर्ड अपॉइंटमेंट को लेकर है. टाटा संस ही 156 साल पुराने इस ग्रुप का कामकाज संभालती है. इसमें 30 लिस्टेड कंपनियों के साथ लगभग 400 कंपनियां शामिल हैं.

सूत्रों का कहना है कि 11 सितंबर को हुई बैठक में विवाद की तब शुरुआत हुई जब टाटा संस के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर में पूर्व रक्षा सचिव विजय सिंह की पुनर्नियुक्ति पर विचार किया गया था, जिन्होंने पिछले महीने इस्तीफा दे दिया था. विजय सिंह टाटा ट्रस्ट के सात ट्रस्टीज में से एक हैं. वह सिंह 11 सितंबर की बैठक में शामिल नहीं हुए, जबकि उनका नाम नोमिनेशन एजेंडे में था. 

77 साल के विजय सिंह 2012 से टाटा संस के डायरेक्टर और 2018 से ट्रस्टी रह चुके हैं. बैठक में उनकी पुनर्नियुक्ति का प्रस्ताव ट्रस्ट्स के चेयरमैन नोएल टाटा और वेणु श्रीनिवासन ने रखा. हालांकि, चार अन्य ट्रस्टियों – मेहली मिस्त्री, प्रमित झावेरी, जहांगीर एच.सी. जहांगीर और डेरियस खंबाटा – ने इसका विरोध किया. इसके चलते प्रस्ताव खारिज हो गया. इसके बाद चारों ट्रस्टियों ने मेहली मिस्त्री को टाटा संस के बोर्ड में नोमिनेट करने की बात कही, लेकिन इस बार प्रस्ताव का विरोध नोएल टाटा और वेणु श्रीनिवासन ने किया. इसके बाद विजय सिंह ने टाटा संस के बोर्ड से अपनी मर्जी से इस्तीफा दे दिया. अब ट्रस्ट की अगली बैठक 10 अक्टूबर को है.

 

 

ये भी पढ़ें:

फटाफट कर लें नोट, गिरते बाजार में भी 3 महीनों में इन स्टॉक्स ने दिया धांसू रिटर्न; क्या आपका भी है दांव? 



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *