RBI Cheque Clearing Rules: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) का नया चेक क्लीयरिंग सिस्टम 4 अक्टूबर 2025 से लागू हो चुका है, लेकिन इसमें अब दिक्कतें आने लगी हैं. RBI ने इस मकसद के साथ इस नए सिस्टम को शुरू किया ताकि बैंक में चेक लगाने के बाद यह घंटों में पास हो जाए और अकाउंट में झटपट पैसे आ जाए.
हालांकि, अब तकनीकि गड़बड़ियों और कर्मचारियों की सही ट्रेनिंग के अभाव में चेक क्लीयरिंग और सेटलमेंट सिस्टम में परेशानी आने लगी है. ऐसे में नए सिस्टम के लागू हो जाने के बाद भी लोगों को चेक क्लीयर होने में दो दिन से ज्यादा इंतजार करना पड़ रहा है, जबकि प्लान यह था कि चेक फटाफट क्लीयर हो और अकाउंट में झटपट पैसे आए.
बैंक ग्राहक फिर हो रहे परेशान
द टेलीग्राफ की रिपोर्ट के मुताबिक, कोलकाता में जादवपुर इलाके के एक रेजिडेंट ने बताया, मैंने मंगलवार सुबह इंडसइंड बैंक के अपने करंट अकाउंट में इंडियन बैंक का चेक जमा कराया था. पहले मुझे बताया कि नए सिस्टम के तहत चेक एक ही दिन में क्लीयर हो जाएगा. बाद में, शाम तक अकाउंट में पैसे नहीं आने के बाद मुझे स्कैनिंग मशीन में दिक्कत आने की वजह से पुराने तरीके से क्लीयरेंस के लिए चेक भेजे जाने की बात कही गई. मुझे पहले की तरह अगले दिन शाम तक पैसे अकाउंटमें आ जाने का भरोसा दिया गया, लेकिन 48 घंटे से ज्यादा समय बीत जाने के बाद भी कोईअपडेट नहीं आया.
किस वजह से हो ही देरी?
ज्यादातर बैंकों में स्टाफ नए सिस्टम को लेकर अपर्याप्त प्रशिक्षण, चेक की खराब व धुंधली तस्वीरें और स्कैन करने के अल-अलग तरीकों को लेकर परेशान हैं. उनका मानना है कि नए सिस्टम के तहत उन्हें जल्दबाजी में स्कैनिंग, स्कैन की खराब क्वॉलिटी, चेक की अधूरी या धुंधली इमेज जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है इससे सेटलमेंट में देरी हो रही है. कई बैंकों में स्टाफ नए सिस्टम की ट्रेनिंग ले रहे हैं.
यह समस्या बड़े शहरों के मुकाबले छोटे शहरों या नॉन-मेट्रो सिटीज में अधिक देखी जा रही है, जहां अभी तक कर्मचारी नए सिस्टम के आदि नहीं हो पाए हैं. सरकारी बैंक के एक अधिकारी का कहना है कि सीटीएस सिस्टम शुरू होने के समय में भी इस तरह की दिक्कतें आई थीं. उम्मीद है कि इस बार भी हालात जल्द संभल जाएंगे.
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