गूगल का भारत में 88,730 करोड़ रुपये का भारी-भरकम निवेश, हर साल पैदा होंगे 188220 नए जॉब्स

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Google To Invest In Visakhapatnam: भारत तेजी से डिजिटल दुनिया की ओर कदम बढ़ा रहा है, और इस दिशा में अब एक ऐतिहासिक कदम उठाया गया है. गूगल (Google) की तरफ से घोषणा की गई है कि वह अमेरिका के बाद अपना सबसे बड़ा डेटा सेंटर भारत के आंध्र प्रदेश राज्य के विशाखापट्टनम (Visakhapatnam) में स्थापित करेगा. यह पहल भारत के डिजिटलीकरण (Digitalisation) की दिशा में एक बड़ा “टर्निंग पॉइंट” साबित हो सकती है.

 गूगल का 10 अरब डॉलर का निवेश

आंध्र प्रदेश सरकार की ओर से जारी आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, गूगल एक गीगावाट क्षमता वाले डेटा सेंटर के निर्माण के लिए करीब 10 अरब अमेरिकी डॉलर (लगभग 88,730 करोड़ रुपये) का निवेश करेगा. यह निवेश भारत में डेटा सुरक्षा, क्लाउड सर्विसेज और एआई इंफ्रास्ट्रक्चर को नई ऊंचाई पर ले जाएगा.

 मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू की अध्यक्षता में बुधवार को हुई राज्य निवेश संवर्धन बोर्ड (SIPB) की बैठक में 1.14 लाख करोड़ रुपये के कुल 30 निवेश प्रस्तावों को मंजूरी दी गई. इन प्रस्तावों में आईटी, ईंधन, पर्यटन, अंतरिक्ष, खाद्य प्रसंस्करण और अन्य क्षेत्रों से जुड़ी परियोजनाएं शामिल हैं. इन निवेशों से राज्य में लगभग 67,000 नए रोजगार सृजित होने की उम्मीद है.

भारत का अब तक का सबसे बड़ा विदेशी निवेश

विज्ञप्ति के मुताबिक, रैडेन इन्फोटेक डेटा सेंटर (Raiden Infotech Data Center) का 87,520 करोड़ रुपये का निवेश प्रस्ताव देश के इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) माना जा रहा है.

मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने कहा- “पिछले 15 महीनों से निवेशकों को आकर्षित करने के लिए किए गए प्रयास अब रंग ला रहे हैं. राज्य में बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन और आर्थिक विकास के नए अवसर खुल रहे हैं.” बैठक के दौरान, सरकार ने यह भी निर्णय लिया कि हर बड़ी परियोजना के लिए एक विशेष अधिकारी (Project Officer) नियुक्त किया जाएगा, जो परियोजना को जमीन पर उतारने की जिम्मेदारी संभालेगा.

अब तक के निवेश और रोजगार के आंकड़े

SIPB की अब तक की 11 बैठकों में कुल मिलाकर 7 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्तावों को मंजूरी दी जा चुकी है. इन परियोजनाओं से लगभग 6.2 लाख रोजगार सृजित होने की संभावना है. गूगल का यह विशाल निवेश भारत के डिजिटल इकोसिस्टम के लिए मील का पत्थर साबित होगा. विशाखापट्टनम में बनने वाला यह हाइपरस्केल डेटा सेंटर भारत को ग्लोबल डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर हब के रूप में स्थापित करने में अहम भूमिका निभाएगा. यह सिर्फ एक डेटा सेंटर नहीं, बल्कि भारत के डिजिटल भविष्य की रीढ़ साबित होने जा रहा है.

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