भारत राष्ट्र समिति (BRS), जुबली हिल्स निर्वाचन क्षेत्र में बड़े पैमाने पर ‘चोर वोटों’ को जोड़े जाने के खिलाफ केंद्रीय चुनाव आयोग (CEC) से शिकायत करेगी और उम्मीद जताई है कि आयोग बिहार में एसआईआर (SIR) के तहत की गई कार्रवाई की तरह ही यहां भी अवैध वोटों को हटाएगा.
पार्टी ने कांग्रेस पर चुनाव जीतने के लिए एक सुनियोजित साजिश के तहत हजारों फर्जी वोट जोड़ने का गंभीर आरोप लगाया है. BRS के कार्यकारी अध्यक्ष श्री के.टी. रामा राव ने तेलंगाना के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) से मुलाकात कर सबूतों के साथ एक विस्तृत शिकायत दर्ज कराई.
‘लोकतांत्रिक घोटाले’ का पर्दाफाश
इस मुलाकात के बाद, उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कांग्रेस और निचले स्तर के सरकारी अधिकारियों की मिलीभगत से हुए इस ‘लोकतांत्रिक घोटाले’ का पर्दाफाश किया. केटीआर ने आक्रामक रुख अपनाते हुए कहा, ‘जुबली हिल्स में तीन तरह की बड़ी धांधलियां हो रही हैं, सबसे पहले वोटों का भारी दोहराव किया गया है.’
उन्होंने कहा, ‘एक-एक आदमी को तीन-तीन वोटर आईडी कार्ड जारी किए गए हैं. हमारी जानकारी के मुताबिक, लगभग 2,000 लोगों के पास डुप्लीकेट या ट्रिप्लीकेट वोटर आईडी हैं और ये सभी जुबली हिल्स विधानसभा क्षेत्र में केंद्रित हैं.’
रातों-रात जुबली हिल्स का वोटर बनाने का आरोप
उन्होंने आगे आरोप लगाया कि यह सिर्फ एक गलती नहीं, बल्कि एक संगठित अपराध है. उन्होंने कहा, ‘यह कैसे संभव है कि मनचेरियल, गडवाल और नागरकुरनूल जैसे जिलों में पंजीकृत मतदाताओं को कांग्रेस पार्टी की मिलीभगत से रातों-रात जुबली हिल्स का वोटर बना दिया गया? अकेले 2 सितंबर को हजारों वोट अवैध रूप से सूची में शामिल कर दिए गए.’
सीईओ के समक्ष तीन मांगें
1. उच्च स्तरीय जांच: इस पूरे मामले की गहन और निष्पक्ष जांच का आदेश दिया जाए, ताकि यह पता चल सके कि निचले स्तर के अधिकारियों की मिलीभगत के बिना इतना बड़ा फर्जीवाड़ा कैसे संभव हुआ.
2. दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई: इस चुनावी कदाचार के लिए जिम्मेदार सभी अधिकारियों को तत्काल उनके पदों से हटाकर दंडित किया जाना चाहिए.
3. नामांकन से पहले अवैध वोट हटाएं: नामांकन प्रक्रिया समाप्त होने से पहले, धोखाधड़ी से जोड़े गए सभी 19,000 वोटों को मतदाता सूची से तत्काल हटाया जाए.
BRS का चुनाव आयोग को चेतावनी
केटीआर ने चेतावनी दी कि यदि चुनाव आयोग त्वरित कार्रवाई करने में विफल रहता है तो BRS न्याय के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाने से भी पीछे नहीं हटेगी. उन्होंने कहा, ‘CEO ने हमें आश्वासन दिया है कि वे इस मामले को गंभीरता से देखेंगे. हमें उम्मीद है कि वे कार्रवाई करेंगे, लेकिन अगर ऐसा नहीं होता है तो हम इस लड़ाई को कानूनी रूप से लड़ेंगे.’
उन्होंने केंद्रीय चुनाव आयोग पर भी दबाव बनाते हुए कहा, ‘यह विडंबना है कि जो कांग्रेस पार्टी बिहार में वोट चोरी का आरोप लगाती है, वही पार्टी तेलंगाना में उपचुनाव जीतने के लिए उसी तरह के कदाचार में लिप्त है. हम केंद्रीय चुनाव आयोग से भी अपील करते हैं कि वे इस मामले पर संज्ञान लें, राज्य CEO से रिपोर्ट मांगें और लोकतंत्र की पवित्रता को बनाए रखने के लिए निर्णायक कार्रवाई करें.’ इस शिकायत के बाद अब सभी की निगाहें चुनाव आयोग के अगले कदम पर टिकी हैं, क्योंकि ये आरोप आने वाले चुनावों की निष्पक्षता पर गंभीर सवाल खड़े करते हैं.
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