Anil Ambani News: दिग्गज उद्योगपति अनिल अंबानी की मुश्किलें कम होने का नाम ही नहीं ले रही हैं. अब सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इंवेस्टिगेशन (CBI) ने उनके बारे में एक और चौंकानेवाला खुलासा किया है. अनिल अंबानी के रिलायंस एडीए ग्रुप और यस बैंक के को-फाउंडर राणा कपूर के खिलाफ सीबीआई की चार्जशीट में दोनों परिवारों की कंपनियों के बीच लेनदेन का आरोप लगाया गया है.
CBI की चार्जशीट में हुआ बड़ा खुलासा
इकोनॉमिक टाइम्स (ईटी) की रिपोर्ट के मुताबिक, चार्जशीट में यह भी कहा गया है कि अंबानी के बेटे जय अनमोल अंबानी इन लेनदेन से जुड़े कुछ फैसलों में शामिल थे. 2022 में दायर यह चार्जशीट दो आपराधिक मामलों पर आधारित है, जिसे यस बैंक के चीफ विजिलेंस ऑफिसर ने यस बैंक के पूर्व एमडी और सीईओ राणा कपूर और रिलायंस ग्रुप की रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस लिमिटेड (RCFL), रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड (RHFL) और अन्य के खिलाफ दर्ज कराया था.
जांच में पाया गया कि यस बैंक ने 2017 में RCFL के डिबेंचर और कमर्शियल पेपर्स में 2,045 करोड़ रुपये और RHFL में 2,965 करोड़ का निवेश किया, जिसकी मंजूरी राणा कपूर ने दी थी, जबकि केयर रेटिंग्स ने एडीए ग्रुप को कमजोर वित्तीय स्थिति के कारण निगरानी में रखा था. बाद में इस रकम को कई लेवल पर डायवर्ट किया गया, जिससे जनता के पैसे का दुरुपयोग हुआ.
दोनों के बीच पैसों का लेनदेन
सीबीआई का कहना है कि उस दौरान एडीए ग्रुप की कंपनियों, यस बैंक और रिलायंस निप्पॉन एसेट मैनेजमेंट के बीच कई दफा पैसों का लेनदेन हुआ. एक तरफ एडीए ग्रुप की कंपनियों को यस बैंक से फंड मिला और दूसरी तरफ यस बैंक ने रिलायंस निप्पॉन म्यूचुअल फंड (RNMF) से उसके कैपिटल इंस्ट्रूमेंट्स में बड़ा निवेश किया, जो उस समय जापान की निप्पॉन लाइफ इंश्योरेंस के साथ मिलकर रिलायंस कैपिटल की एक सब्सिडियरी कंपनी थी.
RNMF ने भी 2017-18 में कपूर परिवार की कंपनी मॉर्गन क्रेडिट्स प्राइवेट लिमिटेड के डिबेंचर में 1,160 करोड़ का निवेश किया. इसके अलावा, इसने यस बैंक से 249.80 करोड़ के ADA ग्रुप के डिबेंचर खरीदे और यस बैंक के असुरक्षित AT1 बॉन्ड में 1,750 करोड़ का निवेश किया, जिन्हें वित्तीय संकट के दौरान इक्विटी में बदला जा सकता है या राइट-ऑफ किया जा सकता है.
इस तरह अंबानी और कपूर ने मिलकर एक ऐसा सिस्टम बनाया, जिससे दोनों एक-दूसरे की फाइनेंशियली मदद कर सके और पैसों का एक फ्लो बना रहे. जांच में पाया गया गया कि राणा कपूर और अनिल अंबानी ने मिलकर यस बैंक से मिले फंड को आर्थिक रूप से कमजोर एडीए ग्रुप की कंपनियों में पहुंचाया. बदले में, एडीए ग्रुप ने कपूर की पत्नी बिंदु कपूर और बेटियों राधा और रोशनी कपूर की कंपनियों को कम दरों पर ऋण की सुविधा और निवेश दिलाया.
अनिल अंबानी के बेटे का भी नाम आया सामने
चार्जशीट में यह भी बताया गया कि अंबानी के बेटे जय अनमोल अंबानी ने RNMF में निवेश के फैसलों को सीधे तौर पर प्रभावित किया, जबकि कंपनी स्टॉक एक्सचेंजों में लिस्ट होने की तैयारी कर रही थी. सीबीआई का कहना है कि RNMF के पास आम निवेशकों से मिले बड़े फंड थे, जिन्हें वह लॉन्ग टर्म के डेट इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश कर सकता था. हालांकि, मार्केट रेगुलेटर सेबी के नियम म्यूचुअल फंडों को दीर्घकालिक ऋण निवेश में निवेश करने से रोकते हैं.
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