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Asian Yoga Championship: दिल्ली में 2nd एशियाई योगासन स्पोर्ट्स चैंपियनशिप में भारत ने 83 गोल्ड मेडल जीतकर पहला स्थान हासिल किया. डॉ. आरती पाल की कप्तानी में भारत ने शानदार प्रदर्शन किया.

योगा टीम की महिला कैप्टन, जिसने एशियन चैंपियनशिप में दिलाया गोल्ड मेडल..
हाइलाइट्स
- भारत ने 83 गोल्ड मेडल जीतकर पहला स्थान हासिल किया.
- डॉ. आरती पाल की कप्तानी में भारत ने शानदार प्रदर्शन किया.
- योगा से करियर के नए रास्ते खुल रहे हैं.
दिल्ली: स्वस्थ जीवन के लिए किया जाने वाला योगा अब खेलों की दुनिया में भी अपनी खास जगह बना चुका है. हाल ही में दिल्ली में 2nd एशियाई योगासन स्पोर्ट्स चैंपियनशिप (Asian Yoga Championship) का आयोजन किया गया, जिसमें 20 देशों के 200 से ज्यादा एथलीटों ने हिस्सा लिए था. इस एशियाई चैंपियनशिप में भारत ने जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए 83 गोल्ड मेडल जीतकर पहला स्थान हासिल किया. इस शानदार उपलब्धि में भारत की योगा टीम की कप्तान डॉ. आरती पाल का भी बड़ा योगदान रहा, जिन्होंने खुद भी गोल्ड मेडल जीता.
20 साल से सिखा रही हैं योग
डॉ. आरती पाल मध्य प्रदेश के इंदौर की रहने वाली हैं और फिलहाल पतंजलि यूनिवर्सिटी में योगा डिपार्टमेंट की प्रोफेसर हैं. वह पिछले 20 सालों से योगा सिखा रही हैं. आरती बताती हैं कि योग भारत की प्राचीन परंपरा है, जो पहले केवल स्वास्थ्य के लिए किया जाता था, लेकिन अब इसे स्पोर्ट्स का दर्जा भी मिल चुका है. उनका मानना है कि आज की युवा पीढ़ी योग से दूर होती जा रही है, इसलिए योगासन स्पर्धाओं के जरिए युवाओं को दोबारा योग से जोड़ा जा रहा है.
योगा से करियर के नए रास्ते खुल रहे हैं
डॉ. आरती पाल के मुताबिक, अब योगा केवल स्वास्थ्य लाभ तक सीमित नहीं रह गया है. एशियाई स्तर पर चैंपियनशिप्स के आयोजन से युवाओं को योग में करियर बनाने का भी मौका मिल रहा है. भारत सरकार भी इस फील्ड में पूरा सहयोग कर रही है.
आरती ने बताया कि वह खुद पहले नेशनल और डिस्ट्रिक्ट लेवल पर कई मेडल जीत चुकी हैं, और अब एशियाई चैंपियनशिप में गोल्ड जीतना उनके लिए बेहद खास रहा.
ओलंपिक में गोल्ड जीतने का सपना
गोल्ड मेडल जीतने के बाद डॉ. आरती पाल अब और भी बड़े लक्ष्य पर नजरें टिकाए हुए हैं. वह चाहती हैं कि आने वाले समय में योगा को ओलंपिक में शामिल किया जाए और भारत के लिए ओलंपिक गोल्ड मेडल जीतने का सपना भी वह देख रही हैं.
उनका मानना है कि इससे आने वाली युवा पीढ़ी को योगा से न सिर्फ स्वास्थ्य लाभ मिलेगा, बल्कि एक मजबूत करियर बनाने का इंस्पिरेशन भी मिलेगा.
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