9 साल बाद मार्केट में दिखा महाखौफ, कोरोना में भी नहीं था इतना डर, 500 शेयरों में लोअर सर्किट

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इंडिया विक्स (India VIX) को शेयर बाजार में डर का मीटर कहा जाता है. यह बाजार में व्याप्त भय को मापता है. इसके ग्राफ में सोमवार को आया उछाल अगस्त 2015 के बाद से एक दिन में आया सबसे बड़ा जम्प है.

9 साल बाद मार्केट में दिखा महाखौफ, 500 शेयरों ने झेला लोअर सर्किट

India VIX बाजार में व्याप्त भय को दिखाता है.

नई दिल्ली. सोमवार का दिन शेयर बाजार के लिए डरावने सपने की तरह बीता. यूरोपिय और एशियन बाजारों समेत दुनियाभर के तमाम बाजारों में बिकवाली देखने को मिला. भारतीय शेयर बाजार भला कैसे उससे अछूता रह सकता था. सेंसेक्स में 2200 अंकों से अधिक तो निफ्टी50 में लगभग 700 अंकों की भारी-भरकम गिरावट दर्ज की गई है. मिडल ईस्ट में युद्ध की संभावना और यूएस फेड के फैसले का डर भारतीय बाजारों पर भारी रहा. आज के दिन शेयर बाजार में ऐसा महाखौफ देखने को मिला, जो आज से 9 साल पहले दिखा था.

इंडिया विक्स (India VIX) को शेयर बाजार में डर का मीटर कहा जाता है. यह एक इंडीकेटर है, जो बाजार में व्याप्त भय को मापता है. यह जितना अधिक होता है, बाजार में गिरावट के आसार उतने ही ज्यादा होते हैं. इसके नीचे रहने पर शेयर बाजार के शांत या धीरे-धीरे ऊपर जाने का संकेत माना जाता है. सोमवार को एक ही दिन में यह 52 फीसदी उछल गया. इससे पहले ऐसा ही सीन 2015 में बना था. यहां तक कि कोरोना में बाजार बहुत तेजी से गिरा था, लेकिन विक्स एक ही दिन में इतना अधिक नहीं उछला था.

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सोमवार को इंडिया VIX ने 52% की उछाल के साथ 20 के स्तर को पार कर लिया. अगस्त 2015 के बाद से सूचकांक के लिए सबसे बड़ा एक-दिवसीय उछाल है. बाजार विशेषज्ञ प्रकाश दीवान ने कहा, “यह सप्ताह कठिन रहने वाला है. और वैश्विक बाजार हमें बता रहे हैं कि हमारे बाजारों के भीतर स्टॉक स्पेसिफिक एक्टीविटीज पर ध्यान केंद्रित करना बेहतर होगा.”

500 शेयरों में लगा लोअर सर्किट
बीएसई के कुछ 500 स्टॉक ऐसे रहे, जो सोमवार के कारोबार में अपने निचले सर्किट की सीमा तक पहुंच गए. इनमें रिलायंस पावर लिमिटेड, जयप्रकाश पावर वेंचर्स लिमिटेड (जेपी पावर), कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड, गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड (जीआरएसई), वारी रिन्यूएबल टेक्नोलॉजीज लिमिटेड और स्वान एनर्जी लिमिटेड जैसे धाकड़ नाम भी शामिल हैं.

समझा जाता है कि फेडरल ब्याज दरों में कटौती में देरी से अमेरिका में मंदी आएगी और विदेशों से पैसे की निकासी हो सकती है. इस डर के बीच मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्सेज में 4 प्रतिशत तक की गिरावट के साथ सभी इंडेक्स लाल रंग में ही ट्रेड करते नजर आए.

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