Bengaluru techie found her manager as cab driver: ऑफिस मैनेजर निकला कैब ड्राइवर, सोशल मीडिया पर वायरल.

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बेंगलुरु में एक लड़की ने ऑफिस से लौटते वक्त कैब बुक की, लेकिन ड्राइवर उसका ऑफिस मैनेजर निकला. मैनेजर पार्ट टाइम कैब चलाकर ट्रैफिक और आम लोगों की जिंदगी को समझना चाहता था.

ऑफ‍िस से न‍िकली लड़की, अकेले के ल‍िए बुक की कैब, जैसे ही देखा ड्राइवर का...

टेक कंपनी में काम करने वाली लड़की के साथ अजीबोगरीब हादसा हुआ.

हाइलाइट्स

  • लड़की ने कैब बुक की, ड्राइवर निकला ऑफिस मैनेजर.
  • मैनेजर पार्ट टाइम कैब चलाकर ट्रैफिक समझना चाहता था.
  • सोशल मीडिया पर घटना वायरल, मैनेजर की तारीफ हुई.

बेंगलुरु की सड़कों पर एक शाम एक टेक कंपनी में काम करने वाली लड़की के साथ कुछ ऐसा हुआ जिसकी उसने कभी कल्पना भी नहीं की थी. रोज की तरह ऑफिस से थक कर घर लौटने के लिए उसने एक कैब बुक की. शाम का वक्त था, ट्रैफिक भी काफी था और जल्दी घर पहुंचना था. उसने ओला/उबर ऐप खोला और अपने घर की लोकेशन डालकर कैब बुक की. कुछ ही मिनटों में कैब लोकेशन पर पहुंच गई. लेकिन जैसे ही लड़की कैब के पास पहुंची और ड्राइवर का चेहरा देखा, वो हैरान रह गई, आइए जानते हैं क्यों…

TOI की रिपोर्ट के अनुसार, कैब ड्राइवर और कोई नहीं बल्कि उसी का ऑफिस मैनेजर था! वो शख्स जिसके साथ वो दिनभर ऑफिस मीटिंग्स में रहती थी, वही शख्स आज कैब ड्राइवर की सीट पर बैठा था. कुछ पल के लिए लड़की समझ ही नहीं पाई कि ये सपना है या हकीकत. उसने तुरंत अपनी बुकिंग दोबारा चेक की, लेकिन नाम, फोटो और कार नंबर सबकुछ मैच कर रहे थे. कुछ देर की खामोशी के बाद दोनों के बीच बातचीत शुरू हुई और एक हैरान कर देने वाला राज़ सामने आया.

दरअसल, उस मैनेजर ने बताया कि वो ऑफिस के बाद पार्ट टाइम में कैब चलाता है. उसका मकसद सिर्फ एक्स्ट्रा इनकम कमाना नहीं, बल्कि ट्रैफिक, शहर की रफ्तार और आम लोगों की जिंदगी को समझना भी है. वो जानना चाहता था कि उसकी टीम के बाहर की दुनिया कैसी दिखती है, लोग दिनभर किन परेशानियों से गुजरते हैं और सड़क पर चलने वाली जिंदगी की सच्चाई क्या है. यह घटना जब सोशल मीडिया पर वायरल हुई तो लोगों ने इस पर कई रिएक्शन दिएं. कुछ लोग मैनेजर के डाउन-टू-अर्थ स्वभाव की तारीफ कर रहे थे, तो कुछ लोग हैरान थे कि एक बड़ी कंपनी का मैनेजर आखिर क्यों कैब चलाने का काम कर रहा है. लेकिन उस मैनेजर का कहना था कि ये कोई शर्म की बात नहीं है. मेहनत करने में कोई बुराई नहीं, और अगर इससे किसी को सीख मिलती है, तो ये उसकी सबसे बड़ी जीत है.

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इससे पहले, बेंगलुरू के एक व्यक्ति ने एक ऐसी ही घटना के बारे में बताया था, जिसमें उसकी मुलाकात एक ऑटो-रिक्शा चालक से हुई थी, जो माइक्रोसॉफ्ट में काम करने वाला एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर निकला. वह अपने वीकेंड पर यह काम इसलिए किया करता था, ताकि अकेलापन दूर हो सके. आजकल कॉरपोरेट में अधिकतर लोगो पार्ट टाइम जॉब के लिए अपनी पर्सनल गाड़ियों को ओला या उबर में लगा के रखते हैं.

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Vividha Singh

विविधा सिंह न्यूज18 हिंदी (NEWS18) में पत्रकार हैं. इन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में बैचलर और मास्टर्स की डिग्री हासिल की है. पत्रकारिता के क्षेत्र में ये 2 वर्षों से काम कर रही हैं. फिलहाल न्यूज18…और पढ़ें

विविधा सिंह न्यूज18 हिंदी (NEWS18) में पत्रकार हैं. इन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में बैचलर और मास्टर्स की डिग्री हासिल की है. पत्रकारिता के क्षेत्र में ये 2 वर्षों से काम कर रही हैं. फिलहाल न्यूज18… और पढ़ें

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