Diwali 2025: दीपावली पर महालक्ष्मी पूजन से 7 दिन पहले खरीदी का महा मुहूर्त पुष्य नक्षत्र 14 एवं 15 अक्टूबर को 24 घंटे 6 मिनट का है. खरीदी के इस महा मुहूर्त पर सिद्ध और साध्य योग रहेगा.
पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर-जोधपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि, नक्षत्रों का राजा पुष्य मंगलवार को दिवस पर्यंत एवं बुधवार को उदयातिथि में रहने से चल-अचल संपत्ति की खरीदी स्थाई फल प्रदान करेंगी.
इस दौरान सोना-चांदी, भूमि-भवन, वाहन के साथ ही अन्य चल-अचल संपत्ति कल्याणकारी रहेगी. इस अवसर पर शहर के नए-पुराने बाजारों में खरीदार उमड़ेंगे. इस योग में खरीदारी और नई शुरुआत करना शुभ माना जाता है. हर साल दीपावली से करीब 7 दिन पहले पुष्य नक्षत्र आता है.
इसी दिन से दीपावली की खरीदारी भी शुरू हो जाती है और कोई नया काम या बिजनेस भी शुरू किया जा सकता है.
कितनी देर रहेगा पुष्य नक्षत्र
ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि, पंचांग के अनुसार 14 अक्टूबर को दोपहर 11:54 से 15 अक्टूबर को दोपहर 11:59 बजे तक पुष्य नक्षत्र का योग रहेगा. इतने शुभ योग के प्रभाव से लंबे समय तक धन लाभ, सुख और समृद्धि मिलेगी.
इस संयोग में सोना-चांदी, बर्तन, कपड़े, फर्नीचर, मशीनरी, इलेक्ट्रॉनिक सामान, व्हीकल और प्रॉपर्टी की खरीदारी कर सकते हैं. रियल एस्टेट में किया निवेश भी लंबे समय तक फायदा देने वाला रहेगा.
बिजनेस के बड़े सौदों के लिए भी यह दिन फायदेमंद रहेगा. पुष्य नक्षत्रों को नक्षत्रों का राजा बताया गया है.
इस नक्षत्र में सोना और चांदी की खरीदी को सबसे शुभ माना जाता है, जो सुख-समृद्धि की देवी महालक्ष्मी के आगमन का प्रतीक माना गया है. साथ ही जमीन, मकान और वाहन की खरीदारी भी लाभकारी माना गया है.
शनि है इस नक्षत्र के स्वामी
ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि, इस नक्षत्र के स्वामी शनि और इसके देवता बृहस्पति होते हैं. ये दोनों ग्रह अच्छी स्थिति में है. इस शुभ योग में किए गए इन्वेस्टमेंट से आने वाले दिनों में बड़ा फायदा होने की संभावना है.
ग्रह-स्थिति के मुताबिक शेयर मार्केट में गिरावट होने की आशंका है. ऐसे समय में किया गया निवेश आने वाले दिनों में बड़ा फायदा दे सकता है. पुष्य नक्षत्र में किए गए काम दोषमुक्त होते हैं और जल्दी ही सफल हो जाते हैं.
रविवार और गुरुवार को पड़ने वाला पुष्य नक्षत्र बेहद शुभ दायक माना जाता है. पुष्य अन्ध नक्षत्र है. इस नक्षत्र में खोई हुई चीज जल्दी मिल भी जाती है.
गुरु, शनि और चंद्रमा का रहता है प्रभाव
ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि, नए काम और व्यापार की शुरुआत करने के लिए गुरु पुष्य नक्षत्र को सबसे शुभ माना गया है. इस दिन प्रॉपर्टी, नया घर या गृह प्रवेश के लिए शुभ माना जाता है. पुष्य नक्षत्र पर गुरु, शनि और चंद्रमा का प्रभाव सबसे ज्यादा रहता है.
ऐसे में इस दिन सोना-चांदी खरीदना शुभ माना जाता है. इस दिन आभूषण और पीपल के बर्तन खरीदने का महत्व भी होता है. गुरु पुष्य नक्षत्र में छोटे बच्चों को विद्यारंभ करवाना अच्छा माना गया है.
नक्षत्रों का राजा है पुष्य
भविष्यवक्ता अनीष व्यास ने बताया कि 27 नक्षत्रों में आठवां नक्षत्र है पुष्य. इसे नक्षत्रों को राजा भी माना जाता है. यह धन, यश और वैभव का प्रतीक है, इसलिए पुष्य नक्षत्र में शुभ कामों की शुरुआत, प्रॉपर्टी, व्हीकल की खरीदारी और निवेश करने की परंपरा चली आ रही है.
माना जाता है इस नक्षत्र में सोना खरीदने से घर में सुख-समृद्धि आती है. पुष्य को सबसे अच्छा नक्षत्र माना जाता है. इसे शास्त्रों में अमरेज्य भी कहा गया है. यानी वो नक्षत्र जो जीवन में स्थिरता और अमरता लाता है.
इस दौरान लंबे समय तक चलने वाले स्थायी काम करने चाहिए. इस बार दीपावली से पहले 14 अक्टूबर को पुष्य नक्षत्र का संयोग बन रहा है. यह हर तरह की खरीदारी के लिए सर्वोत्तम दिन माना जाता है.
14 अक्टूबर को पुष्य नक्षत्र
पुष्य नक्षत्र हर महीने आता है लेकिन दिवाली से पहले आने वाले पुष्य नक्षत्र का विशेष महत्व बताया गया है. इस साल दिवाली से पहले पुष्य नक्षत्र 14 और 15 अक्टूबर 2025 दो दिन है.
पुष्य नक्षत्र निवेश, सोना-चांदी, संपत्ति, वाहन खरीदी, बहीखाता नवीनीकरण और दिवाली की खरीदी के लिए अत्यंत लाभकारी होता है. यही वजह है कि दिवाली से पहले लोगों को पुष्य नक्षत्र का इंतजार रहता है.
दीवाली के समय स्वर्ण खरीदने के लिये मुहूर्त, अर्थात शुभ समय को प्राथमिकता देते हैं. पुष्य नक्षत्र एवं धनतेरस, ये दो सर्वाधिक शुभ दिन हैं. देवी लक्ष्मी धन एवं समृद्धि प्रदान करने वाली देवी हैं. पुष्य नक्षत्र देवी लक्ष्मी का जन्म नक्षत्र है, इसलिए पुष्य नक्षत्र को देवी लक्ष्मी को घर लाने के लिये सर्वाधिक शुभ नक्षत्र माना जाता है.
ऐसे में इस दिन मां लक्ष्मी के रूप में सोना खरीदने की परंपरा है. कहते हैं इससे घर में स्थाई रूप से धन लक्ष्मी का वास हो जाता है.
कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि पुष्य नक्षत्र में किए गए कार्य पुण्यदायी और फल देने वाले होते हैं. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, पुष्य नक्षत्र 27 नक्षत्रों में से 8वें स्थान में आता है. पुष्य नक्षत्र की राशि कर्क है. इसे 27 नक्षत्रों में से सबसे शुभ, पुण्य और पवित्र माना जाता है. पुष्य नक्षत्र में खरीदारी करने का प्रचलन है, इसलिए इसे शुभ माना जाता है.
पुष्य नक्षत्र में इनकी खरीदी देती है स्थायी लाभ
- अचल संपत्ति – मकान, प्लॉट, फ्लैट, कृषि भूमि और व्यावसायिक संपत्ति.
- चल संपत्ति – आभूषणों में सोना, चांदी, हीरा, प्लेटिनम के आभूषण.
- ऑटोमोबाइल- चार पहिया वाहन, दोपहिया वाहन
- इलेक्ट्रिक दोपहिया-चार पहिया वाहन.
- इलेक्ट्रॉनिक सामान में फ्रिज, टीवी, वॉशिंग मशीन, लैपटॉप, माइक्रोवेव ओवन आदि.
पुष्य नक्षत्र खरीदारी मुहूर्त
- 14 अक्टूबर (मंगलवार): दोपहर 11:54 बजे से लेकर पूरी रात तक.
- 15 अक्टूबर (बुधवार): सुबह 06:22 बजे से दोपहर 12:00 बजे तक.
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
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