India Is Today More Bharat, Says Jaishankar – Amar Ujala Hindi News Live

Spread the love


विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बुधवार कहा कि जो परंपराएं और धरोहरें पहले लंबे समय से नजरअंदाज की जा रही थीं, अब उन्हें पुनर्जीवित किया गया है। अब ज्यादातर भाषाओं को शास्त्रीय दर्जा मिल चुका है और भारतीय आदतों व प्रथाओं को अब नया उत्साह और जोश मिल रहा है। असल में, इंडिया आज पहले ज्यादा भारत बन चुका है। 

Trending Videos

 

जयशंकर भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (आईसीसीआर) के 75वें स्थापना दिवस के मौके पर एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने कहा, ‘आईसीसीआर को इस बदलाव की पहचान है और मुझे पूरा भरोसा है कि यह भविष्य में भी इसे ध्यान में रखेगा।’ आईसीसीआर विदेश मंत्रालय के अधीन काम करता है। 

ये भी पढ़ें: विशेष विमान से भारत लाया जा रहा तहव्वुर राणा, अमेरिका से प्रत्यर्पण पर सूत्रों का बड़ा दावा

उन्होंने आगे कहा, 75 साल किसी भी संस्था के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण समय है। जब हम उस माहौल की बात करते हैं, जिसमें ये संस्थाएं काम करती हीं, तो यह समय और भी लंबा हो जाता है। हमारे देश और समाज में इस दौरान बहुत बड़े बदलाव हुए हैं। आज हम किसी भी पैमाने पर पहले से ज्यादा आत्मविश्वासी, प्रामाणिक और अपनी पहचान को व्यक्त करने में अधिक प्रतिबद्ध हैं।  

केंद्रीय मंत्री ने कहा, आज देश में हमारी संस्कति, धरोहर और परंपराओं के प्रति जागरूकता पहले से कहीं अधिक बढ़ गई है। उन्होंने कहा, वास्तव में हम अपनी परंराओं के कई पहलुओं पर गर्व महसूस करते हैं, जो अब कई कई पहलों और योजनाओं में दिख रहे हैं। हम देख सकते हैं कि यह पर्यटन को बढ़ावा देने और हमारे विश्व धरोहर स्थलों की संख्या बढ़ाने में देख सकते हैं। यह ‘एक जिला-एक उत्पाद’ (वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रोडक्ट) जैसे अभियानों में दिखाई दे रहा है या फिर केंद्र सरकार अब विश्वकर्मा समुदाय को समर्थन दे रही है, उसमें भी दिखता है। 

ये भी पढ़ें: कांग्रेस ने जातिगत जनगणना, SC-ST सब प्लान पर केंद्रीय कानून जैसे वादे किए; 12 पेज का प्रस्ताव

उन्होंने कहा, जो परंपराएं और धरोहरें लंबे समय तक उपेक्षित रही थीं, अब उन्हें पुनर्जीवित किया जा रहा है। अधिकांश भाषाओं को शास्त्रीय दर्जा मिल चुका है और हमारी आदतें व प्रथाएं- चाहे हम योग, आयुर्वेद या बाजरा की बात करें- अब नए उत्साह और जोश के साथ आगे बढ़ रही हैं। असल में, इंडिया आज पहले से ज्यादा भारत बन चुका है और आईसीसीआर इस बदलाव को पहचानता है। मुझे भरोसा है कि यह इसे भविष्य में अपने में शामिल करेगा। 



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *