Indian economy has shown its strength again growth rate is the fastest among G-20 countries Rating Agency Moodys released data

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Moody’s Report: रेटिंग एजेंसी मूडीज (Moody’s) ने मंगलवार को कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था इस साल (2024-25) में 6.5 फीसदी की दर से बढ़ेगी, जो G-20 के विकसित और उभरते देशों में सबसे ज्यादा होगी.

टैक्स में छूट और RBI के ब्याज दरों में कटौती जैसे कदमों से इसमें मदद मिलेगी. साथ ही, भारत विदेशी पूंजी को आकर्षित करने और ग्लोबल मार्केट की चुनौतियों का सामना करने में सक्षम रहेगा.

क्या कहा मूडीज ने?

रेटिंग एजेंसी मूडीज ने दो प्रमुख मुद्दों पर भारत की सराहना की. इसमें पहला मुद्दा 2024-25 में GDP ग्रोथ रेट का है. मूडीज के अनुसार, भारत की अर्थव्यवस्था इस साल 6.5 फीसदी की दर से आगे बढ़ेगी. हालांकि, पिछले साल यह दर 6.7 फीसदी रही थी.

दूसरा मुद्दा है महंगाई. मूडीज के अनुसार, इस साल महंगाई औसतन 4.5 फीसदी रहने का अनुमान है. जबकि पिछले साल यह 4.9 फीसदी थी.

क्यों मजबूत है भारत?

सरकार ने इनकम टैक्स स्लैब में बड़ी छूट दी है. अब भारत में 12 लाख तक के इनकम पर कोई टैक्स नहीं है.

RBI ने फरवरी में रेट कट किया (6.25 फीसदी) और 9 अप्रैल को फिर कटौती की उम्मीद है.

विदेशी निवेशकों का भारत पर भरोसा बढ़ा है. क्योंकि भारत का बाहरी कर्ज कम और फॉरेक्स रिजर्व मजबूत हो रहा है.

अमेरिकी पॉलिसी का क्या असर?

मूडीज के मुताबिक, अमेरिका की नीतियों से उभरते बाजारों (EMs) में पूंजी का बहाव हो सकता है, लेकिन भारत और ब्राज़ील जैसे बड़े देश इससे बचने की ताकत रखते हैं.

इसके पीछे जो कारण हैं, उनमें बड़ा घरेलू बाजार, स्थिर मौद्रिक नीति और पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार प्रमुख हैं. इन्हीं के सहारे भारतीय बाजार अमेरिका की टैरिफ नीतियों के सामने सीना तान के खड़ा रह सकता है.

एशिया में कहां कमजोर है ग्रोथ?

चीन में निर्यात और इन्फ्रास्ट्रक्चर निवेश से ग्रोथ तो मजबूत है, लेकिन घरेलू मांग कमजोर बनी हुई है. वहीं, छोटी अर्थव्यवस्थाएं (जैसे अर्जेंटीना, कोलंबिया) डॉलर के मुकाबले अपनी करेंसी में उतार-चढ़ाव से ज्यादा प्रभावित हो सकती हैं.

क्या कहते हैं एक्सपर्ट?

मूडीज़ का मानना है कि भारत में “डोमेस्टिक डिमांड, टैक्स रिफॉर्म्स और RBI की आसान लोन पॉलिसी” ग्रोथ को सपोर्ट करेगी. साथ ही, ग्लोबल अंसतुलन के बावजूद भारत में निवेश का फ्लो बना रहेगा.

इसके अलावा, अगर RBI एक बार फिर रेट कट करती है और सरकार इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च बढ़ाती है, तो भारत 2025 तक दुनिया की टॉप-3 इकॉनमीज़ में शामिल होने की राह पर आगे बढ़ सकता है.

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