IndiGo fined 20 lakh Rupees: देश की सबसे बड़ी एयरलाइन IndiGo पर नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) ने पायलट प्रशिक्षण में कथित खामियों के लिए 20 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. कंपनी ने बताया कि वह इस आदेश को अपीलीय प्राधिकरण के समक्ष चुनौती देने पर विचार कर रही है.
डीजीसीए का यह एक्शन ऐसे समय में आया है जब इंडिगो के ट्रेनिंग रिकॉर्ड की जांच में गंभीर खामियाँ सामने आईं. जांच में खुलासा हुआ कि पायलट-इन-कमांड और फर्स्ट ऑफिसर्स सहित करीब 1,700 पायलटों की फुल फ्लाइट सिम्युलेटर (FFS) पर हुई ट्रेनिंग उच्च जोखिम वाले हवाई अड्डों — जैसे कालीकट, लेह और काठमांडू — के लिए सर्टिफाइड नहीं थी.
क्या है पूरा मामला?
इन एयरपोर्ट्स को “हाई-रिस्क कैटेगरी” में रखा गया है क्योंकि यहां मौसम, रनवे की स्थिति और भौगोलिक परिस्थितियां बेहद चुनौतीपूर्ण होती हैं. इसी वजह से डीजीसीए ने इंडिगो पर 20 लाख रुपये का जुर्माना लगाया और कंपनी से ट्रेनिंग प्रक्रिया में सुधार लाने को कहा है.
इंडिगो ने बुधवार को शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि उसे 26 सितंबर को डीजीसीए से जुर्माने के संबंध में नोटिस मिला. नियामक के अनुसार, यह जुर्माना कैटगरी ‘C’ हवाई अड्डों पर पायलटों के प्रशिक्षण के लिए उपयुक्त सिमुलेटर के उपयोग में कथित विफलता के लिए लगाया गया है.
कैटगरी ‘C’ के हवाई अड्डे उन स्थानों को कहा जाता है जहां पहुंच और संचालन की परिस्थितियां चुनौतीपूर्ण होती हैं. डीजीसीए का कहना है कि इंडिगो इन एयरपोर्ट्स के लिए निर्धारित प्रशिक्षण मानकों का पालन करने में नाकाम रही.
पहले भी हो चुका है एक्शन
कंपनी ने कहा कि आंतरिक संचार में देरी के कारण यह जानकारी सार्वजनिक करने में देर हुई. हालांकि, एयरलाइन ने स्पष्ट किया कि इस आदेश का उसकी वित्तीय स्थिति, परिचालन या अन्य गतिविधियों पर कोई असर नहीं पड़ेगा. इंडिगो ने कहा कि वह अपने विमानों के संचालन में सुरक्षा के उच्चतम मानकों का पालन करने के लिए प्रतिबद्ध है.
यह पहली बार नहीं है जब डीजीसीए ने इंडिगो पर जुर्माना लगाया हो. साल 2023 में भी नियामक ने एयरलाइन पर 30 लाख लाख का जुर्माना लगाया था. उस समय विशेष ऑडिट में कंपनी के ऑपरेशंस, ट्रेनिंग और इंजीनियरिंग विभागों में कई खामियाँ पाई गई थीं.
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