Neeraj Chopra, Territorial Army, Indian Army Naib Subedar salary: भारत के स्टार भाला फेंक(javelin throw) खिलाड़ी और दो बार के ओलंपिक पदक विजेता नीरज चोपड़ा ने न केवल खेल के मैदान पर देश का नाम रोशन किया,बल्कि अब वह भारतीय सेना का भी हिस्सा बन चुके हैं.अब उन्हें टेरिटोरियल आर्मी में मानद लेफ्टिनेंट कर्नल की रैंक से सम्मानित किया गया है.यह 16 अप्रैल 2025 से लागू माना जाएगा.इस संबंध में गजट ऑफ इंडिया में 9 मई 2025 को अधिसूचना जारी की गई है.
Territorial Army: क्या होती है टेरिटोरियल आर्मी?
टेरिटोरियल आर्मी (TA)भारतीय सेना का एक स्वैच्छिक,अंशकालिक सहायक संगठन है.इसकी स्थापना 9 अक्टूबर 1949 को की गई थी.इसे भारत की सेकंड लाइन ऑफ डिफेंस के रूप में जाना जाता है.यह संगठन युद्ध,प्राकृतिक आपदाओं और राष्ट्रीय संकटों के दौरान सेना का सहयोग करता है.इसकी स्थापना का उद्देश्य नियमित सेना को सहायता देना है.टेरिटोरियल आर्मी (TA)में इन्फैंट्री, इंजीनियर,सिग्नल,मेडिकल और अन्य इकाइयां शामिल होती हैं.इसमें नियमित सैनिकों के साथ-साथ स्वयंसेवक भी शामिल होते हैं,जो साल में कुछ महीनों के लिए प्रशिक्षण और सेवा में भाग लेते हैं.टेरिटोरियल आर्मी में 18 से 42 वर्ष की आयु का कोई भी भारतीय नागरिक भर्ती हो सकता है,जो शारीरिक और मानसिक रूप से फिट हो.इसमें भर्तियां लिखित परीक्षा,फिटनेस टेस्ट और इंटरव्यू के आधार पर होती है.टेरिटोरियल आर्मी ने 1962, 1965, और 1971 के युद्धों, कारगिल युद्ध में योगदान दिया है.
Lieutenant Colonel Neeraj Chopra: नीरज चोपड़ा को क्या बनाया गया है?
नीरज चोपड़ा को टेरिटोरियल आर्मी में मानद लेफ्टिनेंट कर्नल की रैंक प्रदान की गई है.उनकी यह नियुक्ति टेरिटोरियल आर्मी विनियम 1948 के पैरा 31 के तहत की गई है.इस बात की जानकारी रक्षा मंत्रालय विभाग के संयुक्त सचिव मेजर जनरल जीएस चौधरी की ओर से गजट ऑफ इंडिया दी गई है.
मानद रैंक से आशय एक औपचारिक सम्मान है,जो असाधारण नागरिकों को उनकी उपलब्धियों और राष्ट्रीय योगदान के लिए दिया जाता है.मानद रैंक धारक आमतौर पर सक्रिय सैन्य सेवा में भाग नहीं लेते,लेकिन वे सैन्य समारोहों और प्रोटोकॉल में रैंक के अनुरूप सम्मान प्राप्त करते हैं.
Neeraj Chopra in Indian Army: आर्मी में नायब सूबेदार हैं नीरज
नीरज चोपड़ा ने 26 अगस्त 2016 को भारतीय सेना में नायब सूबेदार के रूप में एंट्री ली थी.यह राजपूताना राइफल्स (4 RAJRIF)में एक जूनियर कमीशंड ऑफिसर (JCO)रैंक है.उनकी उपलब्धियों के लिए उन्हें 2021 में सूबेदार और 2024 में सूबेदार मेजर के पद पर प्रमोट किया गया.
अब उन्हें टेरिटोरियल आर्मी में मानद लेफ्टिनेंट कर्नल के रूप में नामित किया गया है.अब उनको एक कमीशंड ऑफिसर के समकक्ष सम्मान मिलेगा.नीरज के अलावा महेंद्र सिंह धोनी (2011),कपिल देव,अभिनव बिंद्रा (2011) और सचिन तेंदुलकर (भारतीय वायुसेना में मानद ग्रुप कैप्टन)को भी यह सम्मान मिल चुका है.
क्या नीरज चोपड़ा को प्रशिक्षण लेना होगा?
चूंकि नीरज को मानद रैंक दी गई है, इसलिए उन्हें टेरिटोरियल आर्मी में सक्रिय सैन्य प्रशिक्षण लेने की आवश्यकता नहीं है.यह रैंक प्रतीकात्मक है और वह सक्रिय सैन्य कर्तव्यों से मुक्त है. इसलिए नीरज को सैन्य अभियानों,प्रशिक्षण शिविरों या नियमित TA ड्यूटी में भाग लेने की आवश्यकता नहीं होगी.
यदि नीरज भविष्य में टेरिटोरियल आर्मी की सक्रिय इकाई में शामिल होना चाहें,तो उन्हें TA के लिए निर्धारित प्रशिक्षण, जैसे 2-4 सप्ताह का वार्षिक प्रशिक्षण शिविर और विशेष सैन्य प्रशिक्षण लेना पड़ सकता है, लेकिन उनकी वर्तमान मानद भूमिका के लिए यह अनिवार्य नहीं है.
क्या नीरज चोपड़ा को सैलरी मिलेगी?
मानद लेफ्टिनेंट कर्नल के रूप में नीरज चोपड़ा को टेरिटोरियल आर्मी से कोई नियमित वेतन नहीं मिलेगा,क्योंकि यह रैंक औपचारिक है.मानद रैंक पाने वाले सक्रिय सैन्य सेवा में नहीं होते,इसलिए उन्हें मासिक वेतन,भत्ते या पेंशन नहीं मिलती.नीरज पहले से ही भारतीय सेना में सूबेदार मेजर के रूप में JCO रैंक पर कार्यरत हैं और उन्हें उस रैंक के अनुसार वेतन और लाभ मिलते हैं.
कितनी मिलती है नीरज चोपड़ा को सैलरी?
नीरज चोपड़ा भारतीय सेना में सूबेदार मेजर हैं तो उन्हें 7वें वेतन आयोग के अनुसार पे लेवल 8 की सैलरी मिलती है.उनका बेसिक वेतन ₹47,600-₹1,51,400 प्रति माह है.इसके अलावा उन्हें ₹5,200 प्रति माह सैन्य सेवा वेतन (MSP)भी मिलता है.इस तरह सभी भत्तों के साथ उन्हें कुल वेतन ₹70,000-₹1,20,000 प्रति माह मिलता है.सूबेदार मेजर को बेसिक वेतन का 50% महंगाई भत्ता (DA)मिलता है.इसी तरह 8-24% तक हाउस रेंट अलाउंस मिलता है.ट्रांसपोर्ट अलाउंस के रूप में ₹3,600-₹7,200 तक मिलता है.इस तरह टैक्स और पीएफ की कटौती के बाद नायब सूबेदार को ₹60,000-₹1,00,000 प्रति माह तक की सैलरी मिलती है.
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