Parda In Islam: पर्दा: हया की निशानी या मजबूरी? जानें कुरआन में पर्दे का जिक्र

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पर्दा महज एक चादर नहीं जो औरत के जिस्म को ढकता हो, और ना ही पर्दा औरत की पहचान को छिपाता है. पर्दा एक मुसलमान औरत की पहचान है. जब एक औरत पर्दा करके निकलती है तो वो दूर से ही पहचान ली जाती है कि वो एक खुदा की इबादत करने वाली है, वो एक मुसलमान है.

पर्दा महज एक चादर नहीं जो औरत के जिस्म को ढकता हो, और ना ही पर्दा औरत की पहचान को छिपाता है. पर्दा एक मुसलमान औरत की पहचान है. जब एक औरत पर्दा करके निकलती है तो वो दूर से ही पहचान ली जाती है कि वो एक खुदा की इबादत करने वाली है, वो एक मुसलमान है.

इस्लामी हदीस के मुताबिक पर्दा अल्लाह का हुकुम है. कहा जाता है कि जब एक मुसलमान औरत ये दावा करती है कि वो एक अल्लाह की बंदी है, और वो मोहम्मद सल्लल्लाहू अलैहि वसल्लम को मानने और उनकी सुन्नत पर अमल करती हैं. तो उसके लिए एक बात काफी है कि वो अपने आप को सर से ले कर पैर तक ढाक लें.

इस्लामी हदीस के मुताबिक पर्दा अल्लाह का हुकुम है. कहा जाता है कि जब एक मुसलमान औरत ये दावा करती है कि वो एक अल्लाह की बंदी है, और वो मोहम्मद सल्लल्लाहू अलैहि वसल्लम को मानने और उनकी सुन्नत पर अमल करती हैं. तो उसके लिए एक बात काफी है कि वो अपने आप को सर से ले कर पैर तक ढाक लें.

अल्लाह तआला कुरआन के सूरह अन-नूर (24:31) में फरमाते हैं कि ऐ पैगंबर मोहम्मद सल्लल्लाहू अलैहि वसल्लम अपने बीवियों, बहनों और मुसलमान औरतों से कह दें कि अपनी निगाहें नीची रखें, और अपनी शर्मगाहों की हिफाजत करें . साथ ही कहा गया है अपनी जीनत(श्रृंगार) को जाहिर न करें. बल्कि अपने ऊपर चादर ओढ़ ले ताकि आप खुद को पूरा ढक लें.

अल्लाह तआला कुरआन के सूरह अन-नूर (24:31) में फरमाते हैं कि ऐ पैगंबर मोहम्मद सल्लल्लाहू अलैहि वसल्लम अपने बीवियों, बहनों और मुसलमान औरतों से कह दें कि अपनी निगाहें नीची रखें, और अपनी शर्मगाहों की हिफाजत करें . साथ ही कहा गया है अपनी जीनत(श्रृंगार) को जाहिर न करें. बल्कि अपने ऊपर चादर ओढ़ ले ताकि आप खुद को पूरा ढक लें.

पर्दा एक मुसलमान औरत की हकीकत है. पर्दा इस्लाम का वो परचम है जिसे अल्लाह तआला ने औरतों के हाथों बुलंद किया है.  कहा जाता है कि जब जब एक औरत अपने चादर को ओढ़ती है वो कुरआन के एक आयत को ओढ़ती है. पर्दे से औरत की पहचान नहीं छिपती.

पर्दा एक मुसलमान औरत की हकीकत है. पर्दा इस्लाम का वो परचम है जिसे अल्लाह तआला ने औरतों के हाथों बुलंद किया है. कहा जाता है कि जब जब एक औरत अपने चादर को ओढ़ती है वो कुरआन के एक आयत को ओढ़ती है. पर्दे से औरत की पहचान नहीं छिपती.

पर्दा औरत की आजादी को नहीं कुचलता, बल्कि पर्दा औरत की इज्जत की हिफाजत करता है. उसके वजूद को संवारता है. और उसकी शकल नहीं बल्कि अकल के बिना पर उसकी पहचान होती है. हालांकि पर्दा औरत को कामयाबी से नहीं रोकता बल्कि पर्दा हर शोबे में औरत को इज्जत के साथ कामयाबी की ऊंचाइयों तक ले जाता है.

पर्दा औरत की आजादी को नहीं कुचलता, बल्कि पर्दा औरत की इज्जत की हिफाजत करता है. उसके वजूद को संवारता है. और उसकी शकल नहीं बल्कि अकल के बिना पर उसकी पहचान होती है. हालांकि पर्दा औरत को कामयाबी से नहीं रोकता बल्कि पर्दा हर शोबे में औरत को इज्जत के साथ कामयाबी की ऊंचाइयों तक ले जाता है.

उलमा कहते हैं कि जब एक औरत पर्दा कर रही होती है तो वो खरबों के मेकअप और फैशन इंडस्ट्रीज पर लानत भेज रही होती है. और उन सब को अपने कदमों के कुचल कर अपने रब के हुकुम को अपने सर का ताज बना कर सड़क पर उतरती है.

उलमा कहते हैं कि जब एक औरत पर्दा कर रही होती है तो वो खरबों के मेकअप और फैशन इंडस्ट्रीज पर लानत भेज रही होती है. और उन सब को अपने कदमों के कुचल कर अपने रब के हुकुम को अपने सर का ताज बना कर सड़क पर उतरती है.

Published at : 10 Oct 2025 04:58 PM (IST)



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