Satta Ka Sangram In Buxar: Bihar Election 2025 Know Political History Of This Key Seat Equation Scenario – Amar Ujala Hindi News Live

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आज 12 अक्तूबर 2025 दिन रविवार की सुबह आठ बजे ‘चाय पर चर्चा’ आपके शहर बक्सर में होगी। अमर उजाला पर कार्यक्रम लाइव टेलीकास्ट होंगे। उसके बाद दोपहर 12 बजे युवाओं से चर्चा की जाएगी। फिर शाम 4 बजे से कार्यक्रम में सभी पार्टी के नेता/प्रत्याशियों, उनके प्रतिनिधि/समर्थकों और आम लोगों से सवाल-जवाब किए जाएंगे। ऐसे में आइये जानते हैं बक्सर का चुनावी इतिहास। 

कैसा है बक्सर का इतिहास?

बक्सर जिला धार्मिक, पौराणिक एवं ऐतिहासिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान रखता है। भारत के इतिहास में इस धरती ने कई निर्णायक मोड़ दिए हैं। यहीं से पूरे भारत पर अंग्रेजों के साम्राज्य विस्तार की नींव पड़ी थी। वर्ष 1764 में लड़ी गई बक्सर की ऐतिहासिक लड़ाई ने भारत में अंग्रेजी शासन का मार्ग प्रशस्त किया। इसके साथ ही वर्ष 1539 में चौसा के युद्ध में शेरशाह सूरी ने हुमायूं को पराजित कर दिल्ली की सत्ता पर कब्जा किया, जिसने भारतीय शासन व्यवस्था की दिशा बदल दी। इस प्रकार बक्सर की धरती दो ऐसे युद्धों की साक्षी रही, जिनसे भारत के शासन में आमूल-चूल परिवर्तन हुआ।

पौराणिक दृष्टि से भी बक्सर का विशेष महत्व है। यह भूमि भगवान श्रीराम की शिक्षा स्थली, भगवान वामन की जन्मस्थली तथा महर्षि विश्वामित्र की तपस्थली रही है। गंगा के तट पर बसा यह जिला धार्मिक आस्था का केंद्र है, जहां मां गंगा की उत्तरायणी धारा प्रवाहित होती है। जिले की सीमाएं पूर्व में भोजपुरी क्षेत्र, दक्षिण में रोहतास, उत्तर में गंगा नदी और पश्चिम में कैमूर तथा कर्मनासा नदी से घिरी हैं। धार्मिक स्थलों में रामरेखा घाट विशेष महत्व रखता है, जहां भगवान श्रीराम द्वारा स्थापित प्रथम रामेश्वरनाथ मंदिर स्थित है। इसके अलावा श्रीनाथ बाबा मंदिर, माता सीता के मामा जी महाराज का प्रसिद्ध आश्रम (सीताराम विवाह महोत्सव स्थल), वामन भगवान की जन्मस्थली, बाबा बरमेश्वरनाथ मंदिर, नौलखा मंदिर, डुमरा स्थित बिहारी मंदिर सहित अनेक प्राचीन धार्मिक स्थल आज भी आस्था के केंद्र हैं।

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भाजपा का गढ़, लेकिन बदले समीकरण


बक्सर जिले में कुल चार विधानसभा क्षेत्र हैं। बक्सर, राजपुर, डुमरांव और ब्रह्मपुर। यह इलाका पारंपरिक रूप से भाजपा का मजबूत गढ़ माना जाता है, लेकिन पिछले कुछ चुनावों में यहां के राजनीतिक समीकरणों में बड़ा बदलाव देखने को मिला है।

बक्सर विधानसभा: इस सीट पर पिछले दो चुनावों से कांग्रेस के संजय कुमार तिवारी उर्फ मुन्ना तिवारी का कब्जा है। उन्होंने भाजपा के प्रभाव वाले इस क्षेत्र में लगातार जीत दर्ज कर अपनी राजनीतिक पकड़ मजबूत की है। पिछली बार उन्होंने भाजपा के किसान नेता परशुराम चतुर्वेदी को हराया था।

राजपुर विधानसभा: इस सीट पर भाजपा के वरिष्ठ नेता रहे विश्वनाथ राम ने कांग्रेस में शामिल होने के बाद जदयू उम्मीदवार संतोष कुमार निराला को पराजित कर जीत हासिल की थी।

डुमरांव विधानसभा: यहां भाकपा (माले) के अजीत सिंह कुशवाहा ने जदयू की अंजुम आरा को हराकर विधानसभा की सीट जीती।

ब्रह्मपुर विधानसभा: इस सीट से राजद के शंभू यादव पिछले दो चुनावों से लगातार विधायक निर्वाचित होते आ रहे हैं। उन्होंने 2020 के विधानसभा चुनाव में एलजेपी के हुलास पांडेय को शिकस्त दी थी। 



क्या हैं यहां के मूल मुद्दे?

क्षेत्र के अनुसार यहां मुद्दे लगभग विकास के ही हैं। इसके साथ ही धार्मिक एवं ऐतिहासिक माता को देखते हुए पर्यटन के रूप में विकसित करने की मांग भी आम जनता की है। रामायण सर्किट से जोड़ने की मांग भी शामिल है। इसके साथ ही डुमराव विधानसभा में मलाई बराज योजना को अमली जामा पहनाने की मांग वर्षों से चली आ रही है। जो मुख्य मांगे हैं।

बक्सर में यहां आयोजित होगा सत्ता का संग्राम

सुबह 08 बजे चाय पर चर्चा

स्थान:  प्रधान डाकघर बक्सर

दोपहर 12 बजे युवाओं से चर्चा

स्थान:  महात्मा गांधी बड़ा बाजार बक्सर

शाम 4 बजे -सत्ता का संग्राम, राजनेताओं से चर्चा

स्थान: नगर भवन पार्क स्टेशन रोड बक्सर

विशेष कवरेज को आप यहां देख सकेंगे

amarujala.com, अमर उजाला के यूट्यूब चैनल और फेसबुक चैनल पर आप ‘सत्ता का संग्राम’ से जुड़े कार्यक्रम लाइव देख सकेंगे। ‘सता का संग्राम’ से जुड़ा व्यापक जमीनी कवरेज आप अमर उजाला अखबार में भी पढ़ सकेंगे।

इनपुट: आशुतोष कुमार सिंह (बक्सर)



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