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राजस्थान के उतरज गांव पहुंचा पहला ट्रैक्टर
– फोटो : अमर उजाला
जानकारी के मुताबिक, उतरज गांव, माउंट आबू की ओरिया ग्राम पंचायत के अंतर्गत आता है। यहां तक पहुंचने के लिए कोई सीधा मोटर मार्ग नहीं है। गांव तक पहुंचने के लिए गुरु शिखर से आगे करीब आठ किलोमीटर लंबा सफर पैदल ही तय करना पड़ता है। यह रास्ता पगडंडी जैसा है, जो घने जंगलों और उबड़-खाबड़ पहाड़ी इलाके से होकर गुजरता है। ऐसे हालात में यहां अब तक कोई भी वाहन नहीं पहुंच पाया था। यही वजह थी कि गांव में आज तक बैल और जुताई के पुराने औजारों से ही खेती होती रही।

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राजस्थान के उतरज गांव पहुंचा पहला ट्रैक्टर
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ऐसे पहुंचा गांव तक पहुंचा ट्रेक्टर
खेती के कार्य में लगातार आ रही कठिनाइयों को देखते हुए उतरज गांव के लोगों ने तय किया कि अब ट्रैक्टर खरीदा जाएगा। इसके लिए उन्होंने आबूरोड स्थित महिंद्रा ट्रैक्टर डीलर एमपी मोटर्स के एमडी अमित जैन से संपर्क किया और गांव में ट्रैक्टर पहुंचाने में सहयोग का आग्रह किया। इसके बाद डीलर और ग्रामीणों ने मिलकर एक अनूठा तरीका निकाला। ट्रैक्टर को उसके पुर्जों में अलग किया गया और उन्हें ट्रैक्टर से गुरु शिखर तक पहुंचाया गया। वहां से ग्रामीणों ने अपने कंधों पर ट्रैक्टर के सभी पार्ट्स को लादकर उतरज गांव तक पहुंचाया। यह सफर तय करने में पांच से छह घंटे लगे, लेकिन ग्रामीणों के जोश और जज्बे के आगे रास्ते की कोई भी कठिनाई टिक नहीं पाई।

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राजस्थान के उतरज गांव पहुंचा पहला ट्रैक्टर
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राजस्थान के उतरज गांव पहुंचा पहला ट्रैक्टर
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उतरज गांव में ट्रैक्टर के पहुंचने का मतलब है- नए युग की शुरुआत। अब यहां के किसान खेती के उन पुराने तरीकों से मुक्त होंगे, जिनमें समय, श्रम और लागत तीनों ज्यादा लगते थे। ट्रैक्टर से भूमि की जुताई तेज और बेहतर तरीके से होगी, जिससे उत्पादन बढ़ने की भी संभावना है।
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